पणजी : इस वर्ष १० सितंबर को गणेशचतुर्थी है । राज्य में प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियों पर प्रतिबंध होते हुए भी राज्य के कुछ स्थानों पर ऐसे मूर्तियों की बिक्री होती है । कुछ स्थानों पर प्लास्टर ऑफ पैरिस से मूर्तियां बनाकर उनपर मिट्टी का लेप लगाकर उनकी बिक्री की जाती है । प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनाई जानेवाली श्री गणेशमूर्तियां विसर्जन के उपरांत पानी पर तैरती हैं । उससे श्री गणेश का अनादर होता है । इसलिए प्लास्टर ऑफ पैरिस की श्री गणेशमूर्तियों की बिक्री पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाकर श्री गणेश के पवित्रकों को आकर्षित कर उसके द्वारा अधिकाधिक चैतन्य देने में सक्षम खडिया मिट्टी से बनाई जानेवाली गणेशमूर्तियों की बिक्री को प्रोत्साहन दिया जाए । हिन्दू जनजागृति समिति ने गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत को ज्ञापन प्रस्तुत कर यह मांग की है । इस ज्ञापन में आगे कहा गया है कि अध्यात्मशास्त्र के अनुसार खडिया मिट्टी से बनाई जानेवाली श्री गणेश की मूर्ति में श्री गणेश के पवित्रक बडी मात्रा में आकर्षित होता है । शास्त्र के अनुसार श्री गणेशमूर्ति खडिया मिट्टी से बनी हुई ही होनी चाहिए । इससे पूर्व गोवा सरकार ने प्लास्टर ऑफ पैरिस के गणेशमूर्तियों का आयात और बिक्री को रोकने हेतु क्रियान्वयन दल गठित किया था । उसमें पर्यावरण विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग, उत्पाद शुल्क विभाग, व्यावसायिक कर विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारी अंतर्भूत थे । इस प्रकार इस वर्ष भी क्रियान्वयन दल गठित कर सरकार प्लास्टर ऑफ पैरिस की गणेशमूर्तियों पर लगाए गए प्रतिबंध का कठोरता से पालन करे । साथ ही कागद से बनाई जानेवाली गणेशमूर्तियां अशास्त्रीय होने से ऐसी मूर्तियों पर भी राज्य में प्रतिबंध लगाया जाए । इस ज्ञापन की प्रतियां पर्यावरण मंत्री, कला एवं सांस्कृतिक विभाग मंत्री, उत्तर गोवा एवं दक्षिण गोवा के जिलाधिकारियों को भेजी गई हैं ।