पारोळा (जळगांव) स्थित भुईकोट किले की अत्यधिक दुर्दशा; किले की पवित्रता रक्षा तथा संवर्धन करने की हिन्दू जनजागृति समिति की मांग
महाराष्ट्र के दुर्ग-किले हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए अतुलनीय पराक्रम का, बलिदान का इतिहास समेटे हुए हैं । जळगांव जिले के पारोळा स्थित पेशवाकालीन भुईकोट किला भी एक ऐतिहासिक किला है; परंतु ढहते किले की भग्नावस्था, शौचालय के रूप में किया जा रहा उसका उपयोग, परिसर में फैला कचरा और गंदगी ऐसी उसकी अत्यधिक दुर्दशा हुई है । कोई देखभाल करनेवाला न होने के कारण; परिसर में मद्यपान करना, जुआ खेलना खुलेआम चालू है साथ ही आंतरिक भाग में सुअर भी बडी संख्या में हैं । संक्षेप में पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन द्वारा की गई उपेक्षा के कारण भुईकोट किले की अत्यधिक दुर्दशा हुई है । इस किले का तत्काल जीर्णोद्धार कर किले की पवित्रता की रक्षा और संवर्धन करेें, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की है । किले का जीर्णोद्धार समयसीमा निर्धारित कर पूर्ण किया जाए, इस हेतु हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ आंदोलन किए गए । साथ ही इस विषय में एक निवेदन राज्य के पुरातत्त्व विभाग, महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री, केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और जळगांव जिलाधिकारी को दिए गए हैं, ऐसा जानकारी समिति के संगठक श्री. सुनील घनवट ने दी ।
देशभर में आंदोलन
इस विषय में स्थानिक प्रशासन को निवेदन देना, हात में हस्तफलक पकडे हुए छायाचित्र, स्वयं की वीडियो बाईट तथा जनजागृतीपर संदेश सोशल मीडियापर भेजना आदी माध्यमो द्वारा आंदोलन किया गया । इस में महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, असम, हरियाणा, तेलंगणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, मेघालय इन राज्यो से दुर्ग एवं राष्ट्र प्रेमी नागरिक सम्मिलित हुऐ थे । इस आंदोलन में हिन्दू राष्ट्र सेना, झुंज प्रतिष्ठान पुणे, राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद भुसावळ, जळगाव जिला दुर्ग संवर्धन, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति आदी संगठन सम्मिलित हुऐ थे ।
हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री मा. उद्धव ठाकरे ने राज्य के दुर्ग-किलों की पवित्रता बनाए रखने के और उनका चरण-प्रति-चरण संवर्धन करने के लिए प्रयास किए हैं । दुर्गप्रेमियों को दुर्ग किलों के विषय में सूचना, प्रस्ताव तत्काल भेजने का आवाहन किया है । उस दृष्टि से हमने प्रशासन से मांग की है कि दुर्ग का जीर्णोद्धार-सुधारकार्य शीघ्रातिशीघ्र आरंभ किया जाए । वर्तमान में महाराष्ट्र शासन राज्य के कुछ दुर्ग-किलों का जीर्णोद्धार कर रहा है । उस सूची में भुईकोटा के किले को भी सम्मिलित किया जाए । पुरातत्व विभाग इस भुईकोट किले को नियमित भेट देकर पारदर्शिता से परिस्थिति का ब्योरा शासन के समक्ष प्रस्तुत करें । दुर्ग की पवित्रता नष्ट करनेवाली गतिविधियों पर (दुर्ग का मूत्रालय के रूप में उपयोग करना, अस्वच्छता, सुअरों का प्रकोप), साथ ही ऐसी अन्य सभी अनुचित कृतियों को रोका जाए । इस दुर्ग का संपूर्ण महत्त्व बतानेवाले विविध फलक यहां सभी को दिखाई दें, ऐसे दर्शनीय भागों में लगाए जाएं । साथ ही इन किलों की दुर्दशा हेतु उत्तरदायी दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाए, ऐसी मांग भी समिति ने की है ।