सनातन संस्था की ओर से भावपूर्ण वातावरण में ऑनलाइन सत्संग समारोह का आयोजन
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : कोरोना महामारी एवं चक्रवाती तुफान आगामी आपातकाल का आरंभ है । ऐसी स्थिति में ईश्वर की भक्ति ही हमारी तारणहार बनेगी । अध्यात्म तो पंचमहाभूतों एवं ईश्वर की निर्गुण शक्ति से संबंधित है । अध्यात्म व्यापक है; परंतु विज्ञान अत्यंत सीमित है । आज के आपातकाल में अच्छी साधना कर ईश्वर का भक्त बनना आवश्यक है । आज का आपातकाल धर्मकार्य के लिए संपतकाल है । अतः हम तन, मन एवं धन का त्याग कर सत् में रहने का प्रयास करेंगे । हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पू. नीलेश सिंगबाळ ने यह मार्गदर्शन किया ।
समाज साधना कर स्वयं में आत्मबल बढाएं; इसके लिए सनातन संस्था की ओर से पिछले ८ महिनों से ऑनलाइन सत्संग श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है । इस शृंखला के अंतर्गत जिज्ञासुओं के लिए संस्था के अंतर्गत हा ही में आयोजित ऑनलाइन सत्संग समारोह का बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, असम आदि राज्य के अनेक जिज्ञासुओं ने लाभ उठाया । इस अवसर पर अनुभवकथन के सत्र में जिज्ञासुओं ने उन्हें प्राप्त अनुभूतियां बताईं । कु. मधुलिका शर्मा ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया ।