पौष पौर्णत्रमा, कलियुग वर्ष ५११६
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर भारी पड़े हैं। संसद के भीतर व बाहर मोदी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे धर्म जागरण समन्वय समिति के संयोजक राजेश्वर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है।
विहिप ने भी धर्मातरण के मुद्दे पर अपने तेवर नरम किए हैं और उसने भी राजेश्वर सिंह का बचाव नहीं किया। अलबत्ता घर वापसी को सही ठहराने के साथ धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। हालांकि विहिप के महामंत्री चम्पत राय ने देश के धर्मांतरित मुसलमानों को खुद को मोहम्मदी हिंदू कहने की सलाह देकर एक नई बहस छेड़ने की कोशिश की है। भाजपा ने भी धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने के लिए राजनीतिक आम राय बनाने की मांग की है।
विवादित बोलो से भाजपा के भीतर की भगवा ब्रिगेड पर अंकुश लगाने के बाद अब संघ ने धर्मातरण के मुद्दे पर संघ के एजेंडे के प्रतीक बन रहे राजेश्वर सिंह को छुट्टी पर भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार मोदी ने आगरा में आठ दिसंबर को धर्मातरण की घटना के बाद राजेश्वर सिंह के लगातार आ रहे बयानों पर संघ नेतृत्व तक अपनी नाराजगी पहुंचा दी थी। झारखंड व जम्मू कश्मीर में भाजपा की सफलता में रह गई कुछ कमी में भी इसे एक वजह माना गया है। अब चूंकि दिल्ली के चुनाव सामने हैं ऐसे में संघ ने अपने विवादित चेहरे को फिलहाल दूर कर दिया है।
घर वापसी सतत प्रकिया :चम्पत राय
विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री चम्पत राय ने भी कहा है कि धर्मातरण पर रोक लगाई जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने धर्मांतरण व घर वापसी दोनों को अलग अलग मुद्दा बताया और कहा कि घर वापसी धर्मातरण नहीं है। उन्होंने घर वापसी के लिए विशिष्ट कार्यक्रम करने के बजाए कहा कि यह सतत प्रक्रिया है जो घर वापसी करना चाहें, वे कभी भी आ सकते हैं। राय ने कहा कि जो हिंदू सदियों पहले मुसलमान बने थे, वे अपने आपको मोहम्मदी हिंदू कहें। वैसे ही जैसे सिख हिंदू, जैन हिंदू या बौद्ध हिंदू हैं। वे अपनी पूजा पद्धति जो भी रखें, लेकिन अपने हिंदू होने के गौरव को भी याद करें।
भाजपा राजनीतिक ढंग से उठाएगी मुद्दा
हालांकि धर्मातरण के मुद्दे को भाजपा व सरकार अपने ढंग से आगे बढमएगी, लेकिन वह इस तरह से होगा जिससे विरोधियों को इसका लाभ मिलने के बजाए वे कठघरे में होंगे। यही वजह है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर दो टूक कहा है कि पार्टी जबरन धर्मातरण के खिलाफ है और वह चाहती है कि देश में धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बने। शाह ने कहा कि इस बारे में राजनीतिक दलों में आम राय बननी चाहिए और जो दल सहमत नहीं है, उन पर मीडिया को दबाब बनाना चाहिए।
स्त्रोत : लाईव्ह हिंदुस्तान