पौष पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में धर्मांतरण को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने गुरुवार को कहा कि धर्मांतरण और ‘घर वापसी’ एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर कहीं धर्मांतरण होगा तो ‘घर वापसी’ भी होगी। हालांकि, उन्होंने ‘पीके’ के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को फिजूल बताया।
नए वर्ष के मौके पर लखनऊ में पत्रकारों बातचीत के दौरान रूडी ने कहा, ‘धर्मांतरण तो हजारों साल से होता चला आ रहा है। इसमें नया कुछ नहीं है।’ ‘घर वापसी’ के नाम पर धर्म परिवर्तन को रूडी जैसे मंत्री की ओर से उचित ठहराया जाना और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी के अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
‘पीके’ के विरोध के बारे में रूडी ने कहा कि जब एक बार सेंसर बोर्ड ने इसे हरी झंडी दे दी है तो फिर इसका विरोध अनावश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को आपत्ति है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि फिल्म का जितना प्रचार निर्देशक और निर्माताओं ने नहीं किया होगा, उतना प्रचार तो विरोध की वजह से फ्री में हो गया।
स्त्रोत: आजतक