कोरोना काल में रोगियों के भय और असहायता का अनुचित लाभ उठाते हुए अनेक निजि चिकित्सालयों ने अतिरिक्त राशि लूटकर रोगियों को आर्थिक रूप से ठगा है । इस ठगी में पैथोलॉजी लैब, डाइग्नोस्टिक सेंटर, मेडिकल स्टोर भी (औधषालय) पीछे नहीं हैं । इसी प्रकार के एक प्रकरण में पिंपरी (पुणे) स्थित ‘शार्प डाइग्नोस्टिक प्राइवेट लि. (मेगाविजन स्कैन्स)’ और ‘नुक्लियस डाइग्नोस्टिक्स’ ने श्री. विश्वनाथ अवघडे एवं उनके परिवार से 5500 रुपए अतिरिक्त राशि ली थी । यह राशि ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ के कारण पुनः वसूल करने में सफलता मिली है । इसके लिए श्री. अवघडे ने समिति के प्रति आभार व्यक्त किया है ।
श्री. अवघडे और उनके परिवार के कुल 3 व्यक्तियों का ‘सीटी स्कैन’ करने के लिए ‘शार्प डाइग्नोस्टिक प्राइवेट लि. (मेगाविजन स्कैन्स)’ ने 3 सीटी स्कैन के प्रत्येक से 2500 रुपयों के स्थान पर 4000, 4000, 4500 इस प्रकार रुपए लिए थे अर्थात कुल 5000 रुपए अधिक लिए थे । ‘नुक्लियस डाइग्नोस्टिक्स’ ने श्री. विश्वनाथ अवघडे का सीटी स्कैन करने के लिए 2500 रुपयों के स्थान पर 3000 रुपए अर्थात ५०० रुपए अधिक लिए थे । इस संदर्भ में श्री. अवघडे ने ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ से सहायता मांगी थी ।
समिति ने उन्हें महाराष्ट्र शासन के 24 सितंबर 2020 के निर्णय का प्रमाण देकर कोरोना रोगी के सीटी स्कैन के लिए 2500 रुपये लेने का नियम है, ऐसा बताया । समिति के मार्गदर्शन के अनुसार श्री. अवघडे ने ‘शार्प डाइग्नोस्टिक प्राइवेट लि. (मेगाविजन स्कैन्स)’ और ‘नुक्लियस डायग्नोस्टिक्स’ से इस संबंध में शिकायत की । शिकायत करते समय डॉक्टर का जांच पत्र, उसका देयक, जांच का ब्योरा आदि सर्व कागजात संलग्न किए । दो दिनों में निर्णय लेकर अतिरिक्त राशि लौटाने की मांग की । ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ ने इन डाइग्नोस्टिक सेंटर को महाराष्ट्र शासन के निर्णय की प्रतियों सहित सभी कागजात भेजे एवं श्री. अवघडे की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेने हेतु सूचित किया । उसके अनुसार दोनों डाइग्नोस्टिक सेंटर ने ली हुई अतिरिक्त राशि रुपए 5,500 लौटा दी ।
उसके पश्चात श्री. अवघडे ने आरोग्य साहाय्य समिति का आभार मानते हुए कहा है कि आवश्यकतानुसार प्रत्येक नागरिक को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए । ‘सीटी स्कैन’ की अतिरिक्त राशि लेकर अनेक सामान्य रोगियों को ठगा जा रहा है ।‘आरोग्य साहाय्य समिती’ ने नागरिकों को आवाहन किया है कि, सीटी स्कैन की जांच करते समय और कोरोना के अन्य उपचार करवाते समय निश्चिति कर लें कि शासन के निर्णयानुसार ही देयक लिया जा रहा है ।