आंध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित सर्पवरम में पादरी द्वारा 10 साल की नाबालिग बच्ची का यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने 46 वर्षीय पादरी अलावला सुधाकर को गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित काकीनाडा क्षेत्र के एक गाँव में पादरी है।
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आरोपित पादरी ने 22 जून 2021 को यौन शोषण करने के साथ ही पीड़िता से मारपीट भी की थी। बच्ची की माँ को जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला तो उसने सर्पवरम थाने में पादरी के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पादरी के खिलाफ POCSO एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया था, जहाँ से अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सर्पवरम सर्किल के इंस्पेक्टर बी राजशेखर ने कहा, “काकीनाडा के रहने वाले पादरी की पहचान अलवला सुधाकर के तौर पर हुई है। 22 जून 2021 को वह शहर में हुए एक समारोह में वह शामिल हुआ था। इसी दौरान आरोपित ने कथित तौर पर लड़की को पास की एक झोपड़ी में ले जाकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया।”
एक स्थानीय समाचार की रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 जून को आरोपित पादरी एक समारोह में शामिल हुआ था। वहीं पर 10 वर्षीय बच्ची भी आई हुई थी। आरोपित सुधाकर बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ चर्च से दूर ले गया और दुर्व्यवहार किया।
मदद के लिए गुहार लगाने पर आरोपित ने बच्ची को 50 रुपए का का नोट पकड़ाकर इसके बारे में किसी से कुछ नहीं बताने को कहा। हालाँकि, ग्रामीणों और परिजनों के बार-बार पूछने पर पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना के बारे में सबकुछ बयाँ कर दिया। इसके बाद पीड़िता की माँ ने आरोपित पादरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। जिसके आधार पर पादरी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पादरियों द्वारा नाबालिगों का यौन शोषण लंबे समय से एक ज्वलंत मुद्दा रहा है, जिसे चर्च प्रशासन ने हमेशा से छुपाने की कोशिश की है। हाल ही में पोलैंड स्थित एक कैथोलिक चर्च के पादरियों पर नाबालिगों के साथ हुए यौन अपराधों के मामलों को दबाने का आरोप लगा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक 1958 से वर्ष 2020 तक 292 पादरियों ने 300 बच्चों का यौन शोषण किया था। मामले में बवाल मचने के बाद कैथोलिक चर्च ने इस बात को स्वीकार किया था कि उसे पिछले तीन वर्षों में 368 लड़कों और लड़कियों के यौन शोषण की शिकायतें मिली थीं। इस मामले को दबाए जाने की बात को मानते हुए पोलिश चर्च के आर्कबिशप वोजशिक पोलाक ने पीड़ितों से माफी माँगी थी।
संदर्भ : OpIndia