पौष पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
अगर पिछली सरकार वाकई में अगर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती, तो १५ साल क्यों नहीं दिया ? – नजमा हेपतुल्ला
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मुंबई : महाराष्ट्र में मुस्लिम समाज को आरक्षण देने के मुद्दे की केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने हवा निकाल दी है। सहयाद्रि अतिथि गृह में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को किसी आरक्षण की जरूरत नहीं है। उसे इस काबिल बनाया जाए, जिससे कि उसे किसी तरह के आरक्षण की जरूरत ही नहीं हो। उन्होंने साफ किया कि मजहब की बुनियाद पर आरक्षण नहीं मिल सकता।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुस्लिम समाज के बच्चों में हुनर है, जिसे प्रोत्साहन देने की जरूरत है, वही काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति का खेल खेलते हुए पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने चुनाव से ऐन दो महीने पहले मुस्लिम समाज को आरक्षण देने का प्रस्ताव मंजूर किया था।
उन्होंने सवाल उठाया कि पिछली सरकार वाकई में अगर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती, तो १५ साल क्यों नहीं दिया। उन्होंने जोर दिया कि मुस्लिम समाज के युवकों को काबिल बनाओ, ताकि वे विदेश जाकर नौकरी कर सकें, मल्टिनैशनल कंपनी में काम कर सकें। मुस्लिम आरक्षण के बारे में और सवाल पूछने पर उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि यह कोर्ट का मामला है, इसलिए इससे ज्यादा वे और कुछ नहीं बोलेंगी।
वक्फ की जमीन से २० हजार करोड़ की कमाई
वक्फ बोर्ड की जमीन का विकास करने से करीब २० हजार करोड़ रुपये की कमाई होगी। इसका उपयोग समाज की भलाई के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए केंद्र सरकार विधेयक ला रही है। पूरे देश में करीब छह लाख एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की है। इसमें करीब पांच लाख एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर ली गई है।
अल्पसंख्यक युवकों के लिए मानस योजना
अल्पसंख्यकों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध) के युवकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए पूरे देश में चार अलग-अलग प्रादेशिक कार्यालय खोले जाएंगे, ताकि युवकों को प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराया जा सके। युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए मानस (मौलाना आजाद नैशनल अकादमी फॉर स्किल) योजना बनाई गई है। इसके तहत निजी और जानीमानी संस्थाओं के साथ समझौता किया जाएगा।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स