हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी दुबे को ‘संविधान के रक्षक’ पुरस्कार ! अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को श्यामाप्रसाद मुखर्जी पुरस्कार प्रदान !
बाईं ओर से अधिवक्ता अश्वनी दुबे, श्री. कपिल मिश्रा, पुरस्कार प्रदान करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह,
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय एवं पुरस्कार का स्वीकार करते हुए अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर
नई देहली : श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती के उपलक्ष्य में ‘संविधान के रक्षक’ पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है । मुखर्जी ने एक देश, एक ध्वज एवं एक संविधान की संकल्पना रखी और उसके लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने अपने प्राण भी त्याग दिए । आज मुझे ‘हिन्दू इकोसिस्टम’ संगठन ने राष्ट्र एवं धर्म के लिए लडनेवाले अधिवक्ताओं को सम्मानित करने का अवसर मिला है, यह मेरा सौभाग्य है । केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां सिंह के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ‘हिन्दू इकोसिस्टम’ की ओर से राष्ट्ररक्षा एवं धर्मरक्षा हेतु उल्लेखनीय कार्य करनेवाले अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं अधिवक्ता अश्वनी दुबे को ‘संविधान के रक्षक’ पुरस्कार प्रदान किया गया । साथ ही अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को ‘श्यामाप्रसाद मुखर्जी’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया । पुरस्कार प्रदान करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री. सिंह ने उक्त विचार रखे ।
इस कार्यक्रम में भाजपा नेता तथा हिन्दू इकोसिस्टम के अध्यक्ष कपिल मिश्रा, साथ ही राजेश गोयल; मुंबई के धर्मप्रेमी व्यावसायी दिनेश मेहता; हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. श्रीराम लुकतुके एवं सनातन संस्था की देहली की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री उपस्थित थीं । अधिवक्ता मोनिका अरोडा को भी ‘संविधान के रक्षक’ पुरस्कार घोषित किया गया था; परंतु किसी कारणवश वे कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रह सकीं; इसलिए श्री. मिश्रा ने उनके आवास पर जाकर उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया ।
कार्यक्रम में पुरस्कारप्राप्त हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा रखे गए विचार !
‘हिन्दू इकोसिस्टम’ वैचारिक आतंकवाद को परास्त करें ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर
शहरी नक्सली फादन स्टेन स्वामी प्रकरण के साथ अन्य प्रकरणों में हिन्दू जो कुछ भी सहन कर रहे हैं, वह वैचारिक आतंकवाद का परिणाम है । वामपंथी विचारधारावाले ८-१० लोगों ने पुरस्कारवापसी कर कुछ ऐसा वातावरण बनाया कि मानो गांधीहत्या के उपरांत देश में संपूर्ण शांति ही थक्ष और दाभोलकर-पानसरे की हत्या के उपरांत ही देश का वातावरण बिगड गया हो । ये लोग नक्सलियों द्वारा जानबूझकर की गई १४ सहस्र हत्याओं के संदर्भ में नहीं बोलते । हमने हमारे मन की संवेदनशीलता को मिटा दिया है; इसलिए नक्सलियों द्वारा की गई हत्याओं के संदर्भ में हमें कुछ नहीं लगता । अब हमें वैचारिक संघर्ष कर इसे रोकना होगा ।
‘हिन्दू इकोसिस्टम’ जनहित याचिकाएं प्रविष्ट करने जैसा कार्य करे ! – अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय
सर्वोच्च न्यायालय में १०० से भी अधिक जनहित याचिकाएं प्रविष्ट करने के कार्य में अनेक लोगों को सम्मिलित होना चाहिए । किसी याचिका के संदर्भ में मेरे साथ और भी कुछ अधिवक्ता खडे रहे, तो उससे निश्चितरूप से लाभ मिलेगा । ‘हिन्दू इकोसिस्टम’ इस प्रकार का कार्य करे । आजकल मैं निजी व्यवसाय नहीं करता; इसलिए पुरस्कार और उसके साथ मिली राशि ये दोनों बातें मेरा मनोबल बढानेवाली हैं ।
फादर स्टेन स्वामी प्रधानमंत्री मोदी की हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोपी थे, इसे मत भूलिए ! – अधिवक्ता अश्वनी दुबे
सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करनेवाले अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने कहा, ‘‘हिन्दू इकोसिस्टम के माध्यम से भाजपा नेता कपिल मिश्रा जो कार्य कर रहे हैं, वह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है और मैं आरंभ से ही उनके साथ हूं । ‘फादर स्टेन स्वामी का कारागृह में हुआ निधन, तो न्यायालय द्वारा उनकी की गई हत्या है’, इस प्रकार के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो अत्यंत अनुचित हैं । मूलतः फादर स्टेन स्वामी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का षड्यंत्र रचने में आरोपी बनाया गया था, इसकी गंभीरता हमें ध्यान में लेनी चाहिए ।
‘हिन्दू इकोसिस्टम’ संस्था का उद्देश्य !
‘धर्मनिष्ठ एवं राष्ट्रवादी विचारधारावाले लेखकों, ब्लौगर्स, अधिवक्ताओं, व्यावसायियों आदि सभी का देशव्यापी संगठन हो और उससे सनातन धर्म की रक्षा हो, यह ‘हिन्दू इकोसिस्टम’का उद्देश्य है । पिछले कुछ ही महिनों में ‘हिन्दू इकोसिस्टम’ के १० लाख से भी अधिक सदस्य बन चुके हैं ।