माघ कृष्ण पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
मुंबई – मुंबई में आये दिन अलर्ट आ रहा है। हाल ही में पोरबंदर के समुद्र में एक विस्फोटक भरी बोट के चालकों ने अपने आप को उड़ा लिया। ऐसे में मुंबईवासियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है, यहां तक की मुंबई के ७३ एंट्री पॉइंट पर कुछ ही पर पुलिस तैनात रहती है ।
मुंबई में समुद्री रास्ते से दो बड़े हमले के बाद राज्य और केंद्र दोनों सरकारों ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया। इसके लिए नेवी, कोस्ट गार्ड के अलावा मुंबई पुलिस को भी समुद्री सीमा की निगरानी की ट्रेनिंग दी गई। उनको आधुनिक बोट और जल-थल में चलने वाली गाड़ियां मिली, लेकिन हकीकत ये है कि अधिकतर बोट ख़राब और गाड़ियां बंद है।
मुंबई तीन तरफ से समुद्र से घिरा है और समुद्र के रास्ते मुंबई पर हमला आतंकियों का सॉफ्ट टारगेट है। समुद्री किनारों की सुरक्षा को लेकर कई बार वादे किये गए लेकिन सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है कि आसानी से इसका उल्लंघन किया जा सकता है क्योंकि आतंकी हमले के बाद जो प्लान बनाया गया उस पर सही तरीके से अमल नहीं हो रहा।
मुंबई की सुरक्षा के लिए जो सागरी पुलिस स्टेशन बनाये गए उनमे स्टाफ नहीं है। जो स्टाफ है वो ट्रेंड नहीं है और जल-थल दोनों जगह चलने वाली गाड़ियां धूल फांक रही है। अधिकतर आधुनिक बोट किनारे लग चुकी है। एक बोट पर एक ही एके47 धारी जवान तैनात होता है जिनमें से कई जवानों को तैरना तक नहीं आता।
स्त्रोत : पल पल इंडिया