आगरा – बारावफात जुलूस के दौरान हुए सांप्रदायिक टकराव पर सियासत तेज हो गई है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया के प्रतिनिधि अनिल चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सपा सरकार के इशारे पर कुछ लोग शहर की फिजां खराब करने पर तुले हैं।
उन्होंने कहा कि नाई की मंडी में एक समुदाय के लोगों ने खुलेआम पुलिस के सामने हथियार लहराए और हिंदू दुकानदारों के यहां लूटपाट की। हैरानी की बात है कि उपद्रवियों को पकडऩे की बजाय उल्टे हिंदुओं पर ही बवाल करने का मुकदमा दर्ज किया गया।
पढे – आगरा में फिर भड़का सांप्रदायिक तनाव, धर्मांधोद्वारा फायरिंग और पथराव में कई घायल
भाजपा नेता ने कहा कि नाई की मंडी क्षेत्र के दुकानदारों को पूरी सुरक्षा प्रदान कर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होगें।
इसके अलावा भाजपा विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने भी सोमवार को नाई की मंडी में पीडि़त दुकानदारों से मुलाकात की। पीडि़तों का कहना था कि जुलूस में शामिल लोग दुकानों को पीटते हुए धार्मिक उन्मादी नारे लगा रहे थे। उन्होंने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया।
पीडि़तों से मिलने के बाद विधायक ने एसएसपी तथा जिलाधिकारी से मिलकर हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि रविवार की शाम बारावफात जुलूस के दौरान नाई की मंडी में सांप्रदायिक टकराव हो गया था। जुलूस में शामिल मेटाडोर बिजली की लटकती तारों के कारण नाई की मंडी रास्ते से नहीं निकल पा रही थी। साथ चल रहे युवकों ने बिजली के तारों को काट दिया तथा दुकानों के टीन शेड भी तोड़ दिए। इससे दु़कानदारों में आक्रोश फैल गया।
कहासुनी के बाद देखते ही देखते दोनों तरफ से जबरदस्त पथराव शुरू हो गया। बाजार बंद हो गए तथा अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई। उसने दोनों पक्षों को शांत कराने के बाद सुरक्षा घेरे में वहां से जुलूस को निकाला।
स्त्रोत : पत्रिका