चार्ली एब्दो पर हुए आतंकी हमले पर दिए बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बीएसपी नेता हाजी याकूब कुरैशी कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। हाजी याकूब के खिलाफ धारा 505 के तहत मेरठ के थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मेरठ पुलिस का कहना है कि जांच के बाद जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि इस बयान की पूरी जांच की जा रही है। यह बयान कहां दिया गया और कब दिया गया।
बताया जाता है कि उन्होंने न सिर्फ फ्रेंच पत्रिका चार्ली एब्दो पर हुए आतंकी हमले का बचाव किया, बल्कि हमलावरों को 51 करोड़ रुपये का इनाम देने की बात भी बेशर्मी से कह डाली । हालांकि बाद में उन्होंने 51 करोड़ वाले बयान का खंडन किया।
पीटीआई भाषा के मुताबिक, उन्होंने कहा कि जो भी पैगंबर मुहम्मद का अनादर करेगा, वह मौत को बुलावा देगा। कुरैशी ने कहा, ‘पैगंबर मुहम्मद ने समूची दुनिया को शांति का संदेश दिया था और अगर कोई उनका कार्टून बनाता है तो वह उसी तरह से मौत को बुलावा देगा जैसे इन कार्टूनिस्टों और पत्रकारों ने पेरिस में दिया।’
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब इस नरसंहार की दुनिया भर में कड़ी निंदा हो रही है। हालांकि, कुरैशी ने उन खबरों का खंडन किया जिसमें उन्हें यह कहते हुए बताया गया है कि वह हमलावरों को 51 करोड़ रुपये का इनाम देंगे।
अद्ययावत
बसपा नेता याकूब कुरैशी का विवादित बयान – ‘पॅरिस के हमलावरों को दूंगा ५१ करोड’
क्या सेक्युलरवादी भारतीय सरकार एेसी भडकाऊ बयान करनेवालोंपर कडक कार्यवाही करेगी ? – सम्पादक
मेरठ (उत्तरप्रदेश) – डेनिस कार्टूनिस्ट पर 51 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर चर्चा में आए यूपी के पूर्व मंत्री और बसपा नेता याकूब कुरैशी का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा था। याकूब ने कहा कि धर्म और पैगंबर की शान से छेड़छाड़ करना किसी भी सूरत में माफी के काबिल नहीं है।
उन्होंने कहा कि फ्रांस की राजधानी पेरिस की पत्रिका लगातार धर्म के साथ छेड़छाड़ कर रही थी। इसीलिए उनके साथ ऐसा सुलूक हुआ है। उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि पेरिस में हमला करने वाले अगर दावा करेंगे तो उन्हें 51 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा।
डेनमार्क के कार्टूनिस्ट के कार्टून बनाने और पत्रिका में छपने के बाद जली कोठी चौराहे पर याकूब कुरैशी ने वर्ष 2006 में घोषणा की थी कि उस कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम दिया जाएगा। याकूब के इस बयान से उस समय हलचल मच गई थी। इसके बाद कई संगठनों ने उनके बयान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कोर्ट में परिवाद भी दर्ज कराए थे।
‘पेरिस में जो हुआ, वह गलत नहीं है’
याकूब अब फिर कह रहे हैं कि उन्होंने अपने धर्म के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ घोषणा की थी और पेरिस में जो हुआ, वह गलत नहीं है।
याकूब का कहना है कि यह उनके धर्म से जुड़ा मामला है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। इसी कारण वे फ्रांस की घटना को सही ठहराते हैं। उन्होंने साफ कहा कि धर्म की शान में गुस्ताखी करने वालों को अपने किए की सजा मिली है।
स्त्रोत : अमर उजाला