प्रत्येक हिन्दू स्त्री जिजामाता की भांति शौर्यशाली और धर्माचरणी बन गई, तो घर-घर छत्रपति शिवाजी महाराज जन्म लेंगे – सुमित सागवेकर
सातारा : राजमाता जिजामाता ने शौर्य क्या होता है, इसे छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में हमारे सामने रखा । शौर्य शब्द का उच्चारण करते ही हमारी आंखों के सामने राजमाता जिजामाता, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होळकर, स्वतंत्रतासेनानी प्रीतीलता वड्डेदार जैसी वीरांगनाएं आती हैं । उनके शौर्य में शक्ति, भक्ति एवं युक्ति का संगम है । राजमाता जिजामाता ने छत्रपति शिवाजी महाराज को बचपन में ही राष्ट्रभक्ति के संस्कार दिए । उन्हें राज्य चलाने के पाठ पढाए । प्रत्येक स्त्री यदि जिजामाता की भांति शौर्यशाली एवं धर्माचरणी बन गई, तो घर-घर छत्रपति शिवाजी महाराज जन्म लेंगे । हिन्दू जनजागृति समिति के युवा संगठक श्री. सुमित सागवेकर ने ऐसा प्रतिपादित किया । राजमाता जिजामाता के स्मृतिदिवस के उपलक्ष्य में यहां के शिवकन्या संगठन के लिए आयोजित शौर्यजागृति व्याख्यान में वे ऐसा बोल रहे थे ।
इस कार्यक्रम में वीडियो के माध्यम से स्वरक्षा के ऑनलाइन प्रदर्शन दिखाए गए । कु. प्रियांका जाधव ने इस व्याख्यान का सूत्रसंचालन किया, तो कु. नेहा कदम ने व्याख्यान का उद्देश्य स्पष्ट किया ।
विशेषतापूर्ण
व्याख्यान में दिखाए गए ऑनलाइन स्वरक्षा प्रशिक्षण के प्रदर्शन देखकर सहभागी युवतियों ने शौर्यवर्ग आरंभ करने की मांग की । उसके अनुसार युवतियों के लिए ७ दिवसीय ऑनलाइन शौर्यवर्ग का नियोजन किया गया ।