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जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है, ऐसी वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने के प्रस्ताव को मुंबई महानगरपालिका द्वारा मान्यता दिए जाने की अचंभित करनेवाली घटना उजागर !
- ऐसा होने के लिए यह भारत है अथवा पाकिस्तान ?
- छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में एक फ्लाइओवर को उनका ही नाम देने के लिए अनुमति अस्वीकार करनेवाला मुंबई महानगरपालिका का प्रशासन जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है, ऐसी वाटिका को हिन्दूद्वेषी क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम देने के लिए तत्परता के साथ अनुमति देता है, इसे ध्यान में लीजिए !
मुंबई : घाटकोपर-मानखुर्द लिंक रोड फ्लाइओवर का काम अधुरा होने के कारण इस पुल को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम देने के प्रस्ताव को जून के महिने में मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी; परंतु अब जुलाई २०२१ में यह काम पूर्ण हो रहा है । ऐसा होते हुए भी दूसरी ओर जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है, ऐसी वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने के प्रस्ताव को मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त द्वारा अनुमति दी जाने की अचंभित करनेवाली घटना सामने आई है । (मुंबई महानगरपालिका प्रशासन की ढीली कार्यपद्धति ! – संपादक)
समाजवादी दल की पार्षद रुक्साना सिद्दीकी ने मुंबई महानगरपालिका की बाजार एवं उद्यान समिति को पत्र लिखकर गोवंडी की साहीनाका स्थित वाटिका को क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम देने की हाल ही में मांग की थी । वास्तव में देखा जाए, तो वहां ऐसी किसी वाटिका का अस्तित्व ही नहीं है और उस वाटिका का काम भी अभी आरंभ नहीं हुआ है । ऐसा होते हुए भी पार्षद रुक्साना सिद्दीकी इस वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने की योजना क्यों बना रही हैं ? घाटकोपर-मानखुर्द लिंक रोड फ्लाइओवर का काम अधुरा होने के कारण उसके नामांतरण की अनुमति न देनेवाले प्रशासन ने वाटिका का काम पूरा होने की आश्वस्तता न करते हुए उसे टिपू सुल्तान का नाम देने की अनुमति कैसे दी ? यह प्रश्न उठ रहा है ।
वाटिका को क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम न देने की हिन्दू जनजागृति समिति की मांग !
हिन्दू जनजागृति समिति ने १४ जुलाई को मुंबई की महापौर श्रीमती किशोरी पेडणेकर, साथ ही बाजार एवं उद्यान समिति के उपाध्यक्ष तुकाराम पाटिल से भेंट कर इस वाटिका को क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम न देने की मांग की थक्ष । उसके कारण १५ जुलाई को समिति की मासिक बैठक में भाजपा पार्षदों ने टिपू सुल्तान के नाम का तीव्र विरोध किया, तो शिवसेना पार्षदों ने वाटिका का काम अधुरा होने के कारण नामांतरण नहीं किया जाना चाहिए, यह भूमिका रखी । उसके कारण बाजार एवं उद्यान समिति ने इस प्रस्ताव को पुनर्विचार हेतु प्रशासन को वापस भेजा । इससे क्या इस प्रकार जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है, ऐसे अन्य कामों के लिए भी प्रशासन की ओर से उक्त पद्धति से अनुमति दी जा रही है ?, यह प्रश्न उठ रहा है ।
गोवंडी (मुंबई) स्थित वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने का प्रस्ताव बाजार एवं उद्यान समिति ने पुनर्विचार के लिए भेजा !
हिन्दू जनजागृति समितिसहित समविचारी संगठनों के विरोध का परिणाम !
भाजपा की ओर से नामांतरण का तीव्र विरोध, तो काम अधुरा होने के कारण से शिवसेना का भी नामांतर के लिए विरोध !
जबतक क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान के नाम का प्रस्ताव स्थाईरूप से रद्द नहीं किया जाता, तबतक समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ इसका वैधानिक पद्धति से विरोध जारी रखें !
मुंबई : भाजपा की ओर से किए जा रहे तीव्र विरोध और काम अधुरा होने के कारण शिवसेना की ओर से भी किए जा रहे विरोध के कारण बाजार एवं उद्यान समिति की बैठक में गोंवडी स्थित वाटिका को क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम देने का प्रस्ताव अध्यक्ष प्रतिमा खोपडे ने अस्वीकार कर उसे प्रशासन को वापस भेजा । (ऐसा प्रस्ताव पुनः चर्चा के लिए लाया गया, तो भाजपा एवं शिवसेना उसका एकत्रितरूप से विरोध करें, यह हिन्दुत्वनिष्ठों की अपेक्षा है ! – संपादक) १५ जुलाई को संपन्न ऑनलाइन मासिक बैठक में यह प्रस्ताव सहमति के लिए लाया गया था ।
बाजार एवं उद्यान समिति की सभा में वाटिका के नामांतरण का विषय चर्चा के लिए आने पर शिवसेना की गोवंडी की पार्षद ऋतुजा जारी ने वाटिका का काम अधुरा होने की बात कही । उसके कारण शिवसेना के पार्षदों ने इस नामांतरण के प्रस्ताव को वापस भेजने की मांग की । उसी समय भाजपा पार्षदों ने भी इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करते हुए नामांतरण के प्रस्ताव को स्थाईरूप से रद्द करने की मांग की । टिपू सुल्तान के नाम का प्रस्ताव रखनेवाली पार्षद रुक्साना सिद्दीकी ने भी इस समय बोलने का अवसर मांगा; परंतु इस समय सभा में आरंभ हुए हंगामे के कारण अध्यक्ष ने बैठक रद्द की । समाजवादी दल की पार्षद रुक्साना सिद्दीकी ने बाजार एवं उद्यान समिति को पत्र लिखकर इस वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने की मांग की है । महानगरपालिका आयुक्त ने भी इस मांग का सकारात्मक प्रत्युत्तर देते हुए इस वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने की बाजार एवं उद्यान समिति से अनुशंसा की थी ।
टिपू सुल्तान के नाम का प्रस्ताव पुनः चर्चा के लिए लाया जाएगा, तो हिन्दू समाज उसे सहन नहीं करेगा ! – डॉ. उदय धुरी, हिन्दू जनजागृति समिति
यह प्रस्ताव पुनः आयुक्त के पास भेजा गया है । इस प्रकरण में ध्यान देनेवाली मुंबई की महापौर श्रीमती किशोरी पेडणेकर एवं राजनीतिक दलों के हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं का अभिनंदन !; परंतु पुनः यदि यह प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया गया, तो हिन्दू समाज उसे सहन नहीं करेगा । क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का उदात्तीकरण सहन नहीं किया जाएगा ।
आवश्यकता पडने पर सडक पर उतरेंगे; परंतु वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने नहीं देंगे ! – भाजपा पार्षदों ने महापौर के सामने व्यक्त की अपनी भूमिका
मुंबई : भाजपा पार्षदों ने महापौर श्रीमती किशोरी पेडणेकर के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि टिपू सुल्तान एक धर्मांध क्रूरकर्मी एवं हिन्दूद्वेषी राजा था । उसमे मैसुरू को मुसलमान राज्य घोषित किया था । उसने उसके राज्य के सभी हिन्दुओं का धर्मांतरण कर उन्हें मुसलमान बनाने की घोषणा की थी । ऐसे अत्याचारी एवं दक्षिण के औरंगजेब के रूप में जाने जानेवाले कुशासक का नाम गोवंडी स्थित वाटिका को देने नहीं देंगे । इसके लिए आवश्यकता पडने पर हम सडक पर उतरेंगे ।
१५ जुलाई को बाजार एवं उद्यान समिति की बैठक में भाजपा पार्षदों ने गोवंडी स्थित वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने के प्रस्ताव को स्थाईरूप से रद्द करने की मांग की थी; परंतु उस सभा में बोलने का अवसर न मिलने के कारण पार्षदों ने महापौर से भेंट कर उक्त भूमिका रखी । इस संदर्भ में भाजपा समूहनेता श्री. प्रभाकर शिंदे ने हिन्दुओं की मानबिंदुओं पर प्रहार करना, हिन्दुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाना आदि कृत्य क्या विद्वता के लक्षण हैं ? छत्रपति शिवाजी महाराज, बाजीराव पेशवा, झांसी की रानी इन सभी को हम भूल गए हैं ?, ऐसे प्रश्न उठाकर इस वाटिका को राष्ट्रपुरुषों का नाम देने की मांग की ।
हिन्दुओं पर अत्याचार करनेवाले क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का उदात्तीकरण हिन्दू समाज सहन नहीं करेगा ! – हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन
गोवंडी (मुंबई) स्थित वाटिका को क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम न देने की हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की महापौर से मांग !
वास्तव में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों पर ऐसी मांग करने की स्थिति ही न आए । यह बात सरकारी तंत्र के ध्यान में आनी आवश्यक !
मुंबई : गोवंडी स्थित एम्./पूर्व विभाग के प्रभाग क्र. १३५ में स्थित साहीनाका डंपिंग रोड पर स्थित वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने की योजना समाजवादी दल के पार्षद रुक्साना सिद्दीकी ने बनाई है; परंतु हिन्दू जनजागृति समिति एवं समविचारी संगठनों ने मुंबई की महापौर श्रीमती किशोरी पेडणेकर, साथ ही बाजार एवं उद्यान समिति के उपाध्यक्ष श्री. तुकाराम पाटिल को प्रत्यक्षरूप से ज्ञापन प्रस्तुत कर हिन्दुओं पर अमानवीय अत्याचार करनेवाले क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम इस वाटिका को न देने की मांग की है । साथ ही इस संदर्भ में मुख्यमंत्री एवं महापालिका आयुक्त को भी ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है ।
महापौर की ओर से इस प्रकरण में ध्यान देने का आश्वासन !
इस अवसरपर श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान (विक्रोळी) संगठन के संस्थापक-अध्यक्ष श्री. प्रभाकर भोसले, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रसाद मानकर एवं वरळी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा सचिव श्री. संघठन शर्मा उपस्थित थे । इस पर टिपू सुल्तान का मुंबई के लिए क्या योगदान है ?, उसका नाम यहां किसलिए ?, इस संदर्भ में प्रशासनिक नियमों की पडताल कर इसमें ध्यान देने का आश्वासन महापौर श्रीमती किशोरी पडेणेकर ने दिया ।
ज्ञापन में निहित प्रमुख सूत्र
१. मुंबई में स्थित विविध स्थानों को विविध धर्म के महनीय व्यक्तियों के नाम दिए गए हैं, जिस पर हमने कभी आपत्ति नहीं दर्शाई; परंतु जिसने दक्षिण भारत में हिन्दुओं के १ सहस्र मंदिर गिरा दिए, लाखों हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार किए, तलवार के बल पर लाखों हिन्दुओं का धर्मांतरण किया, ऐसे टिपू सुल्तान का नाम इस वाटिका को देना हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने जैसा है ।
२. आज यदि क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का नाम इस वाटिका को दिया गया, तो कल औरंगजेब, बाबर, खिलजी, मोहम्मद गजनी, मोहम्मद घौरी, तैमूरलंग, तुघलक आदि क्रूर मुघलों के नाम देने की मांग की जा सकती है । अतः महानगरपालिका को यह पाप अपने माथे पर नहीं लेना चाहिए ।
पार्षद रुक्साना सिद्दीकी ने बाजार एवं उद्यान समिति को पत्र लिखकर इस वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने की मांग की है । दुर्भाग्यवश महानगरपालिका आयुक्त ने इस मांग का सकारात्मक प्रत्युत्तर करते हुए बाजार एवं उद्यान समिति से इस वाटिका को टिपू सुल्तान का नाम देने की अनुशंसा की है । १५ जुलाई को होनेवाली बाजार एवं उद्यान समिति की मासिक बैठक में यह विषय चर्चा के लिए रखा गया है और वह पारित होने की संभावना है । (टिपू सुल्तान का नाम देने का निर्णय पारित न हो; इसके लिए हिन्दुओं को वैधानिक पद्धति से विरोध करना जारी रखना चाहिए ! – संपादक)