युवक क्रांतिकारियों का आदर्श सामने रखकर देश एवं धर्म पर हो रहे आघातों को रोकने हेतु तैयार हों – अभिजीत कुलकर्णी, हिन्दू जनजागृति समिति
सोलापुर : विदेशियों ने भारत पर ५०० वर्षतक आक्रमण किए । उसके उपरांत अंग्रेजों ने वर्ष १८५७ के स्वातंत्रसंग्राम के उपरांत हिन्दुओं के हाथ से शस्त्र छीन लिए । गांधीवादी तत्त्वों ने अहिंसा के नाम पर भारतीयों के मन से भी शौर्ययुक्त शस्त्र छीन लिया और बहुसंख्यक हिन्दुओं का मनोबल गिराकर उनके साथ धोखाधडी की । आजकल देश एवं धर्म पर हो रहे आघातों को रोकने हेतु हिन्दू समाज अपने सामने क्रांतिकारियों का आदर्श रखकर तैयार हों । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अभिजीत कुलकर्णी ने ऑनलाइन शौर्यजागृति व्याख्यान में यह आवाहन किया ।
इस व्याख्यान में बीड, बारामती, धाराशिव, सोलापुर एवं अकलूज के अनेक धर्मप्रेमी जुडे थे । इस व्याख्यान का सूत्रसंचालन कु. ऋतुजा ढगे ने किया, तो श्री. ज्ञानदीप चोरमले ने व्याख्यान का उद्देश्य स्पष्ट किया ।
अभिप्राय
१. श्री. संदीप कणसे : बचपन से ही मुझे राष्ट्र एवं धर्म की सेवा करने की इच्छा थी । अब मैं वह सेवा करने का प्रयास करूंगा ।
२. श्री. व्यंकटेश यंगल : स्वरक्षा हेतु स्वयं में आत्मबल एवं मनोबल कैसे बढाना चाहिए, यह इस व्याख्यान से समझ में आया ।