माघ कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली – मोदी सरकार आने के बाद से संघ और संघ से जुड़े अन्य हिंदुवादी ताक़तें अपनी पूरी ज़ोर आजमाइश लगा रहे है।अब केंद्र सरकार स्कूलों में भी हिन्दू धर्म की पुस्तक गीता को पढ़ाने की तैयारी कर रही है।
ताजा जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से बीजेपी शासित राज्यों को पाठ्यक्रम में गीता का एक अध्याय शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि अन्य दलों वाली राज्यों सरकारों को इस मामले में जल्द ही केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की ओर से सुझाव भेजे जाएंगे। गौरतलब है, केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज कुछ दिन पहले गीता को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की पैरवी कर चुकी हैं वहीं बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेता भी विदेश मंत्री के सुर में सुर मिला रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संघ ने ही मोदी सरकार को इस ओर कदम बढ़ाने के लिए दबाव बनाया था उसके बाद शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने सभी बीजेपी नीत राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और स्कूलों में गीता के एक पाठ को शामिल किए जाने पर विचार विमर्श किया फिर आम सहमति बनने पर गीता के एक अध्याय को अगले साल से स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
मानव संसाधन मंत्रालय के इस कदम को देवबंद के दारुल उलूम सहित कई इस्लामिक धर्मगुरुओं ने भी सराहा है। मंत्रालय के सूत्रों से बातया जा रहा है कि भाजापा शासित मध्य प्रदेश,गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, सहित अन्य कुछ राज्यों और चंडीगढ़ ने गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। वहीं, हरियाणा के शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने भी दावा करते हुए कहा कि दारुल उलूम देवबंद ने भी इसको समर्थन दिया है। रामबिलास शर्मा ने कहा कि मैंने जबसे स्कूलों में गीता को शामिल करने के लिए कहा है तब से इसके समर्थन में मेरे पास अब तक हजारों मैसेज आ चुके हैं।
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्यों में इस प्रक्रिया को गति देने के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति का गठन किया जा रहा है। उसकी रिपोर्ट पर यह तय किया जाएगा कि किस स्तर से पाठ्यक्रम में गीता को लागू किया जाए। इस बात की पूरी संभावना है कि अगले सत्र से गीता भी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी।
स्त्रोत : न्यूज track