पोलैंड के पुस्तकालय की दीवार पर उकेरे गए उपनिषद के छंदों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर पोलैंड के भारतीय दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई है, जो खासा चर्चा में हैं। ट्वीट में लिखा गया है, ”ये कितना सुखद नजारा है। यह वॉरसॉ यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी की दीवारें हैं, जहाँ उपनिषद के छंद उकेरे गए हैं। उपनिषद हिंदू दर्शन के वैदिक संस्कृत के मूलपाठ हैं, जो हिंदू धर्म का आधार है।”
What a pleasant sight !!? This is a wall of Warsaw University's library with Upanishads engraved on it. Upanishads are late vedic Sanskrit texts of Hindu philosophy which form the foundations of Hinduism. ??@MEAIndia pic.twitter.com/4fWLlBUAdX
— India in Poland (@IndiainPoland) July 9, 2021
बताया जा रहा है कि ये वॉरसॉ यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी की दीवारें हैं और यह फोटो 9 जुलाई 2021 की है। वॉरसॉ यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देसी नेटिजन्स गर्व महसूस कर रहे हैं।
एक यूजर ने कहा, “शानदार! जानकर गर्व और खुशी हुई। पूरी दुनिया ने हिंदू दर्शन को मान्यता देना शुरू कर दिया है, जबकि हम भारतीय अपनी महान संस्कृति को भूल रहे हैं। खासतौर पर युवाओं में इसके प्रति रुचि पैदा करने के लिए कुछ करना होगा।”
Great, proud and very happy to note. Whole world started recognizing Hindu Philosophy whereas we Indians forgetting our great culture. Something has to be done to create interest particularly among young ones.
— K Sainath Babu (@KSainathBabu2) August 5, 2021
एक अन्य ने यूजर्स ने लिखा, “बाहर के देशों में भारतीय संस्कृति/उपनिषदों का दिल खोल के स्वागत किया जा रहा।” एक तीसरे यूजर ने कमेंट किया, “जब दुनिया हिंदू धर्म को अपना रही है, हम भारतीय पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रहे हैं।” किसी ने पूछा, “उत्तम… क्या भारत का कोई विश्वविद्यालय ऐसा करने की हिम्मत करेगा?” एक अन्य ने पोस्ट किया, “अद्भुत है भारतीय संस्कृति को किस प्रकार लोग अपना रहे हैं, ये उसका सीधा सादा उदाहरण है।”
उपनिषद हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं। उपनिषदों को आमतौर पर वेदांत के रूप में जाना जाता है। बताया जाता है कि विद्वानों ने उपनिषद शब्द की व्युत्पत्ति उप+नि+षद के रूप में मानी है। अर्थात् जो ज्ञान बिना किसी व्यवधान के निकट आए, जो ज्ञान विशिष्ट व संपूर्ण हो और जो ज्ञान सच्चा हो वह निश्चित ही उपनिषद कहलाता है।
संदर्भ : OpIndia