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तेलुगु फिल्म में भज गोविन्दम् भज गोपालम् स्तोत्र और भगवान श्रीकृष्णजी का अनादर रोकने में सफलता

हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के संगठित प्रयासों के कारण फिल्म में निहित आपत्तिजनक भाग हटाया गया !

फिल्म के निर्देशक की खुली क्षमायाचना !

  • धर्महानि रोकने हेतु तत्परता के साथ कार्य करनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का अभिनंदन !
  • केवल हिन्दी ही नहीं, अपितु विविध भाषी फिल्मों में हिन्दुओं के देवताओं का खुलेआम अनादर किया जाता है । इसे रोकने हेतु कठोर कानून ही चाहिएं !

भाग्यनगर : तेलुगु फिल्म इप्पुडु काक इनकेप्पुडु (अब नहीं तो कब ?) के ट्रेलर (फिल्म का विज्ञापन करनेवाला वीडियो) प्रसारित हुआ । उसमें निहित एक अश्‍लील दृश्य में आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित पवित्र संस्कृत स्तोत्र ‘भज गोविन्दम् भज गोपालम्’ का पार्श्‍वसंगीत के रूप में उपयोग किया गया था, साथ ही इसके एक संवाद में भगवान श्रीकृष्णजी का भी अनादर किया गया था । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने संगठित प्रयास किए । उसके उपरांत इस फिल्म में निहित इस आपत्तिजनक दृश्य को हटाया गया है, साथ ही इस फिल्म के निर्देशक ने भी सार्वजनिक रूप से क्षमायाचना की है ।

१. एक अगस्त के सवेरे इप्पुडु काक इनकेप्पुडु फिल्म का ट्रेलर प्रसारित हुआ । उसमें पवित्र संस्कृत स्तोत्र भज गोविन्दम् भज गोपालम् का अनादर किए जाने का ध्यान में आया । इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति के तेलंगाना राज्य समन्वयक श्री. चेतन जनार्दन ने एक वॉट्स एप समूह में एक पोस्ट भेजकर इसके विरोध में संगठितरूप से प्रयास करने का आवाहन किया ।

२. उसी दिन हिन्दू जनजागृति समिति, श्री आदिबटला श्री कला पीठम्, श्रीरामराज्यम् आध्यात्मिक चैतन्य वेदिका, हरे कृष्ण फाऊंडेशन आदि संगठनों के पदाधिकारियों ने तेलुगु फिल्म प्रोड्युसर्स काऊन्सिल के (तेलुगु फिल्म निर्माता परिषद) सचिव प्रसन्न कुमार से मिलकर उन्हें ज्ञापन प्रस्तुत किया । उसके उपरांत प्रसन्न कुमार ने प्रधानता लेकर इस विषय में तत्काल फिल्म निर्माताओं से चर्चा की और इस फिल्म में निहित आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने के लिए कहा ।

३. इस फिल्म में निहित आपत्तिजनक दृश्यों के संदर्भ में फिल्म परिनिरीक्षण विभाग को भी जानकारी दी गई । इस विभाग ने भी इस अनादर को रोकने के लिए कहने का आश्‍वासन दिया ।

४. उसी दिन सायंकाल इस फिल्म से संबंधित पदाधिकारियों ने हिन्दुत्वनिष्ठों को अपने कार्यालय में चर्चा के लिए बुलाया । उसमें उन्होंने इस फिल्म में संस्कृत स्तोत्र का अनुचित स्थान पर उपयोग किए जाने के लिए क्षमायाचना की और फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की सिद्धता दर्शाई ।

५. उसके उपरांत आदित्य म्युजिक, एम्.एस्. एंटरटेनमेंट इन यू ट्यूब वाहिनियों पर रखे गए इस फिल्म के ट्रेलर में निहित आपत्तिजनक दृश्यों को हटाए जाने का दिखाई दिया ।

६. तेलुगु फिल्म प्रोड्युसर काऊन्सिल के (टी.एफ्.पी.सी. के) सचिव प्रसन्न कुमार ने टी.एफ्.सी.सी. के आधिकारिक यू ट्यूब वाहिनी पर इप्पुडु काक इनकेप्पुडु फिल्म में भज गोविन्दम् भज गोपालम् स्तोत्र का अनुचित पद्धति से उपयोग किया गया था, इसके लिए हम सार्वजनिक रूप से क्षमायाचना कर रहे हैं, इस आशय का वीडियो प्रसारित किया ।

७. इस फिल्म के निर्देशक वाई. युगांधर ने भी सामाजिक माध्यमों में इसके लिए क्षमायाचना करनेवाला वीडियो प्रसारित किया ।

क्षणिकाएं

१. इस फिल्म में किए गए अनादर के संबंध में एक वॉट्स एप समूह में जानकारी भेजे जाने के उपरांत श्री रामराज्यम् आध्यात्मिक चैतन्य वेदिका संगठन के अध्यक्ष श्री. अंडकोंड रमूडु ने उसका तुरंत प्रत्युत्तर किया ।

२. फिल्म अभिनेत्री कराटे कल्याणी एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं । उन्होंने इस फिल्म में चित्रित आपत्तिजनक दृश्यों के संदर्भ में हिन्दुत्वनिष्ठों को अपने घर बुलाकर उनसे चर्चा की और इन दृश्यों को हटाने के संबंध में सकारात्मक प्रत्युत्तर किया ।

३. इस अनादर के संदर्भ में अनेक धर्मप्रेमियों ने इस फिल्म के निर्देशक एवं संबंधित यू ट्यूब वाहिनी से संपर्क कर अपना विरोध व्यक्त किया ।

४. केवल ६ ही घंटों में फिल्म निर्माता एवं निर्देशक ने सार्वजनिक रूप से क्षमायाचना कर यू ट्यूब से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया । इस के लिए हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने भगवान श्रीकृष्णजी के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त की ।

फिल्म में श्रीकृष्णजी का घृणास्पद अनादर !

फिल्म के प्रदर्शित ट्रेलर में पति-पत्नी के मध्य संवाद है । इसमें पति पत्नी को अपने लडके को श्रीरामजी की भांति वेशभूषा करने के लिए कहते हैं; परंतु पत्नी उसकी श्रीकृष्णजी की भांति वेशभूषा करती है । उस समय पति पत्नी से कहता है, श्रीराम एकबाणी और एकपत्नी थे । श्रीकृष्णजी के हाथ में बांसुरी है । बांसुरी में जिस प्रकार छेद होते हैं, उसी प्रकार श्रीकृष्णजी में १६ सहस्र छेद थे । (श्रीकृष्णजी की १६ सहस्र पत्नियां थीं, इस बात को उसने अत्यंत घृणास्पद पद्धति से बताकर श्रीकृष्णजी के चरित्रपर कीचड उछाला ।)

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