चेन्नई (तमिलनाडू) की संस्कृत भारति, अण्णा नगर के ऑनलाइन कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति का सहभाग
चेन्नई : महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय ने संपूर्ण विश्व की विविध भाषाआें से उत्पन्न सूक्ष्म तरंगों पर शोध किया है । इसमें संस्कृत भाषा का अलगगन एवं देवत्व ध्यान में आया है । अतः संस्कृत भाषा को पुनर्वेभव प्राप्त कर दिलाना है, तो भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना आवश्यक है । हिन्दू जनजागृति समिति की पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रनजी ने ऐसा प्रतिपादित किया । संस्कृत भारति, अण्णानगर की ओर से ७ अगस्त को एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । उसमें प्रमुख अतिथि के रूप में हिन्दू जनजागृति समिति की पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रनजी की वंदनीय उपस्थिति रही । इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पू. (श्रीमती) रविचंद्रनजी ने उपस्थित लोगों को संस्कृत भाषा का अलगपन एवं देवत्वके संबंध में जानकारी दी । इस सांस्कृति कार्यक्रम में भाषणों, गानों और संस्कृत भाषा में संभाषण आदि अंतर्भूत थे । इस कार्यक्रम में महिला पतंजलि योग समिति की योगाचार्य श्रीमती प्रफुल्लता रामचंद्रन एवं संस्कृत भारती की शिक्षाप्रमुख श्रीमती नित्या भी उपस्थिति थी । इस कार्यक्रम में अनेक लोग सहभागी थे ।
क्षणिका
संस्कृत भारती की श्रीमती लता चौहान ने हिन्दू जनजागृति समिति के ऑनलाइन सत्संगों में सहभागी होती हैं । उन्होंने इस ऑनलाइन कार्यक्रम हेतु समिति को आमंत्रित किया था ।