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हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में अधिवक्ताओं का योगदान आवश्यक ! – चेतन राजहंस, सनातन संस्था

अधिवक्ता परिषद की मेरठ (उत्तर प्रदेश) शाखा की बैठक में मार्गदर्शन !

श्री. चेतन राजहंस

मेरठ (उत्तर प्रदेश) : अधिवक्ता कानून एवं संविधान का ज्ञाता घटक है । सामान्य लोगों को कानून समझ में नहीं आता अथवा वे कभी संविधान नहीं पढते । इसलिए हिन्दू संगठन जब संवैधानिक दृष्टि से भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करते हैं, तब सामान्य लोगों को यह समझ में आना कठिन हो जाता है । विद्यालय-महाविद्यालयों में नागरिकशास्त्र की भांति कानून एवं संविधान की शिक्षा न दिए जाने से प्रशासनिक तंत्र, न्यायपालिका और सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों आदि से अन्याय-अत्याचार हो रहे हों, तो कानूनी पद्धति से कैसे संघर्ष करना चाहिए, इसके प्रति भारतीय जनता में अज्ञान है । ऐसी स्थिति में अधिवक्ताओं को जनता को अन्याय-अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष करने हेतु उपयुक्त कानूनों की शिक्षा देना, साथ ही संवैधानिक दृष्टि से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की आवश्यकता के विषय पर उद्बोधन करने जैसा योगदान देना चाहिए । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने यह मार्गदर्शन किया । अधिवक्ता परिषद की मेरठ शाखा द्वारा आयोजित ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

बैठक के उपरांत अनेक अधिवक्ताओं ने धर्म, अध्यात्म, संविधान, समाज आदि की दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र स्थापना के संदर्भ में शंकाओं का समाधान करवा लिया । साथ ही इस संदर्भ में अधिवक्ताओं की बैठकें आयोजित करना सुनिश्चित किया । बैठक के अंत में अधिवक्ता परिषद की मेरठ शाखा के अध्यक्ष श्री. प्रमोदकुमार त्यागी ने आभार व्यक्त किया । मेरठ के पूर्व पार्षद तथा देहली के सांस्कृतिक गौरव संस्थान के कार्यालयमंत्री श्री. संजीव पुंडीर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश समन्वयक श्री. श्रीराम लुकतुके भी इस बैठक में उपस्थित थे ।

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