झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे के आवंटन पर विवाद गहरा गया है। इसके विरोध में विधानसभा सोमवार (6 अगस्त 2021) को ‘जय श्री राम’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गूँज उठा। बीजेपी विधायकों ने ढोलक और झाल के साथ कीर्तन कर इस फैसले को रद्द करने की मॉंग की। इस संबंध में आदेश जारी किए जाने के बाद से ही पार्टी हेमंत सोरेन सरकार की तुष्टिकरण का विरोध कर रही है।
मॉनसून सत्र के दूसरे दिन बीजेपी विधायकों ने इस फैसले का विरोध करते हुए नारे लगाए। सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर उन्होंने बाहर कीर्तन कर विरोध जताया। कीर्तन में विरंची नारायण, समरी लाल, मनीष जायसवाल, अमर कुमार बाउरी, शशिभूषण मेहता समेत अन्य बीजेपी विधायक मौजूद थे। वहीं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ सरकार का पक्ष रखा।
इससे पहले भाजपा नेता विरंची दास ने कहा था, “सरकार ने एक फैसला लिया है जिसके तहत विधानसभा में एक कमरा अलॉट किया गया है, जहाँ मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा कर सकते हैं। तो जब मुस्लिम समाज नमाज अदा कर सकते हैं तो हिंदू धर्मावलंबी हनुमान चालीसा क्यों ना पढ़ें। मैं माननीय विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करता हूँ कि जिस तरह आपने मुस्लिम समुदाय के लिए नमाज अदा करने हेतु कमरा अलॉट किया है उसी तरह कम से कम पाँच कमरे का अलॉटमेंट या एक हॉल का अलॉटमेंट हमारे लिए भी हनुमान चालीसा के लिए करें, क्योंकि संख्याबल में तो हम ज्यादा है।”
बीजेपी का कहना है कि जब तक नमाज के लिए कमरा आवंटन रद्द नहीं किया जाता, तब तक यह विरोध जारी रहेगा। गौरतलब है कि 2 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य के नए विधानसभा भवन में एक कमरा नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है। विधानसभा के उप सचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है, “नए विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज कक्ष के रूप में कमरा संख्या TW-348 आवंटित किया जाता है।”
भाजपा ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि विधानसभा में हिंदुओं को भी ‘हनुमान चालीसा पढ़ने’ के लिए अलग कमरा आवंटित किया जाए। भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि लोकतंत्र का मंदिर लोकतंत्र के मंदिर के रूप में ही रहना चाहिए। मरांडी ने कहा था, “झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करना गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।”
संदर्भ : OpIndia