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हरियाणा में विद्यालय तथा महाविद्यालय के छात्र पाठ्यक्रम में पढेंगे सरस्वती नदी का इतिहास

हरियाणा के भाजपा सरकार का बधाई के पात्र निर्णय ! हिन्दू अपेक्षा करते हैं कि, छात्रों को सरस्वती नदी एवं कुरुक्षेत्र का आध्यात्मिक महत्व भी सिखाया जाएगा ! – संपादक, हिन्दूजागृति

चंडीगढ – हरियाणा सरकार ने एक बडा फैसला करते हुए स्कूली पाठ्यकम के साथ – साथ अब कॉलेज और विश्वविद्यालयी छात्रों को भी प्राचीन भारत का इतिहास पढ़ाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। इसकी शुरुआत सरकार ने पौराणिक सरस्वती नदी के इतिहास की पढ़ाई के साथ करने की योजना बनाई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि हरियाणा सरकार पौराणिक सरस्वती नदी के इतिहास को स्कूल के साथ-साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी शामिल करेगी। अधिकारी के अनुसार, युवाओं को प्राचीन नदी के इतिहास के बारे में जागरूक करने का विचार है।

प्रारंभ में, हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड (एचएसएचडीबी) ने कक्षा 6 से 10वीं तक के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) में डॉ बीआर आंबेडकर अध्ययन केंद्र के सहायक निदेशक डॉ प्रीतम सिंह के नेतृत्व में 11 सदस्यीय सरस्वती नदी पाठ्यक्रम समिति का गठन किया। इसके बाद में, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सोम नाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय में सरस्वती नदी अनुसंधान और उत्कृष्टता केंद्र के निदेशक प्रोफेसर एआर चौधरी की अध्यक्षता में एक अन्य पाठ्यक्रम समिति का गठन किया, जिसके सह-अध्यक्ष के रूप में डॉ प्रीतम सिंह ने विश्वविद्यालय की गतिविधि-आधारित पाठ्यक्रम तैयार करना शुरू किया है।

डॉ सचदेवा ने कहा कि यह कोर्स छात्रों को पवित्र नदी की प्राचीन सभ्यता और विरासत के बारे में जानकारी देगा। दो साल से अधिक समय पहले, हरियाणा सरकार ने सरस्वती नदी के कायाकल्प के लिए 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनमें सोम सरस्वती बैराज, सरस्वती जलाशय और सोम नदी पर बद्री बांध आदि का निर्माण शामिल है, जो शिवालिक पहाडियों से निकलने वाली यमुना की एक सहायक नदी है।

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