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धर्मांतरण करने वाले नहीं लड पाएंगे पंचायत चुनाव : झारखंड में आदिवासियों का ऐलान

झारखंड में अब धर्म परिवर्तन करने वालों को पंचायत चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। गुरुवार (सितंबर 16, 2021) को बिरसा सरस्वती शिशु मंदिर तपकरा में जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित बैठक में सह संयोजक सोमा उरांव ने यह बातें कही।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान, मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद का पद केवल अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए ही है। जो अपने रीति-रिवाज व परंपरा का निर्वहन एवं संवर्धन करेगा, वैसे लोगों का ही साथ देना होगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है, उन्हें पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।

इस दौरान जनजाति रक्षा मंच के संयोजक संदीप उरांव ने अपनी धर्म संस्कृति रीति-रिवाज व परंपरा को बचाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को शिक्षित होना होगा और अपने अधिकारों से संबंधित कानूनों को जानना होगा। उन्होंने कहा कि पाहन, महतो, मुंडा, पानी भरवा वगैरह अपनी परंपरा को छोड़ रहे हैं, उसे सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। जो धर्मांतरण कर दूसरे समुदाय में चले गए हैं, वैसे व्यक्ति को पाहन, मुंडा, महतो, पानी भरवा के पदों से तुरंत हटाने की जरूरत है। यह बैठक जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य के टोंटो थाना क्षेत्र के ग्राम दुरूला में ‘हो समुदाय’ के लोगों ने आदिवासी से ईसाई धर्म अपनाने वाले व्यक्ति के शव को अपने ससनदिरी (कब्रिस्तान) में दफनाने नहीं दिया। गाँव में धर्मांतरण कर चुके अमृत लाल बोयपाई की शनिवार (सितंबर 11, 2021) रात मृत्यु हो गई। अमृत के परिवार के लोग उसके शव को हो समुदाय के वंशागत ससनदिरी स्थल पर रविवार की सुबह चुपचाप दफनाने के लिए गढ्ढा खोद रहे थे।

इसकी भनक गाँव के लोगों को लग गई। इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। शव दफनाने को लेकर दिन भर पंचायती चली। आखिरकार रविवार (सितंबर 12, 2021) देर रात मृतक को उसके घर के आंगन में ही दफनाया गया। ईसाई परिवार को हो समाज के मृत्यु संस्कार और व रीति-रिवाज के अनुसार शव को दफनाने की कोशिश पर कड़ा ऐतराज जताते हुए सख्त चेतावनी दी गई।

ग्रामीणों ने थाना प्रभारी से शिकायत की कि बाहर के लोग में आकर लोगों को भड़काते हैं। लालच देकर धर्मांतरण कराते हैं और सीधी-सादे ग्रामीणों को पुलिस-प्रशासन का भय दिखाते हैं। थाना प्रभारी ने धर्म प्रचारकों को कड़ी चेतावनी दी कि वे गाँव की शांति-व्यवस्था को न बिगाड़ें, अन्यथा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि गाँव में लगभग 11 परिवारों ने धर्मांतरण किया है। कुछ धर्मांतरित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार भी किया गया है। इसे लेकर पहले भी कई दौर की पंचायत हुई है। मामला थाना भी पहुँचा है और थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की हिदायत दी है।

संदर्भ : OpIndia

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