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‘हलाल सर्टिफिकेशन : एक आर्थिक जिहाद’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !

विश्‍व पर इस्लाम की सत्ता लाने के लिए ‘हलाल’ अर्थव्यवस्था की रचना ! – श्री. रवि रंजन सिंह, अध्यक्ष, झटका सर्टिफिकेशन अथॉरिटी

‘हलाल सर्टिफिकेशन’ (प्रमाणीकरण) द्वारा विश्‍व की अर्थव्यवस्था नियंत्रित की जा रही है । विगत 50 वर्षों में 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था इस्लामी देशों ने निर्माण की है । यह भारतीय अर्थव्यवस्था से तीन गुना अधिक है । विश्‍व की अनेक गुप्तचर संस्थाआें का कहना है कि हलाल का पैसा इस्लामी वर्चस्व निर्माण करने और आतंकवाद के लिए उपयोग किया जाता है । हलाल ‘मदर ऑफ जिहाद’ है । ‘ग्रैंट मुक्ति ऑफ बोसनिया’ के मौलाना मुस्तफा ने आइएसआइएस और तालिबानी आतंकवादियों को कहा कि आप स्वयं के मुसलमान बंधुओं का रक्त क्यों बहा रहे हैं ? हलाल अर्थव्यवस्था के माध्यम से आप विश्‍व पर इस्लाम की सत्ता स्थापित कर सकते हैं । एक बार वे (गैर मुसलमान) हमारे गुलाम बन जाएं, तब हम उनका सारा धन लूट लेंगे । अनेक देशों के पंचतारांकित होटलों में अंतरराष्ट्रीय परिषद आयोजित कर उस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों को बुलाकर ‘आपने हलाल सर्टिफिकेट लिया, तो एक चौथाई विश्‍व आपके उत्पाद खरीदेगा’, ऐसा बताकर उन्हें ‘हलाल सर्टिफिकेट’ लेने के लिए बाध्य करते हैं । विश्‍व पर इस्लामी सत्ता स्थापित करने के लिए ही ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ की रचना की गई है, ऐसा प्रतिपादन ‘झटका सर्टिफिकेशन अथॉरिटी’ के अध्यक्ष श्री. रवि रंजन सिंह ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘हलाल सर्टिफिकेशन : एक आर्थिक जिहाद’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने कहा कि, हलाल केवल मांस ही नहीं, अपितु अनेक खाद्यपदार्थों सहित सौंदर्यप्रसाधन, निर्माणकार्य व्यवसाय में भी लागू हुआ है । ‘हल्दीराम’ के 500 उत्पाद, ‘आशीर्वाद’ आटा, ‘अमूल’ की आईस्क्रीम, ‘फॉर्च्युन’ ऑईल, के साथ ही अनेक आयुर्वेदिक औषधियां भी ‘हलाल सर्टिफाइड’ हैं । भारत में अन्न और औषधी प्रशासन (FDA) ‘खाद्य सुरक्षा और मानकीकरण प्राधिकरण’ (FSSIA) जैसे अधिकृत शासकीय प्रमाणपत्र होते हुए भी ‘हलाल सर्टिफिकेट’ किसलिए ? 24 हजार करोड रुपए का मांस निर्यात करनेवाली भारत सरकार के ‘अपेडा’ के नियमों से पूरे वर्ष आंदोलन कर ‘हलाल प्रमाणित मांस’ शब्द निकालवाने में हम सफल हुए हैं । इसी प्रकार 40 हजार करोड रुपए की अर्थव्यवस्था से युक्त भारत सरकार की ‘एयर इंडिया’, रेल्वे की ‘आइआरसीटीसी’, भारतीय पर्यटन मंडल की ‘आइटीडीसी’ से ‘हलाल प्रमाणित’ उत्पाद हटाने के लिए हमें संघर्ष करना है । यदि ‘हलाल उत्पाद’ खरीदकर हम इस्लामी अर्थव्यवस्था को बढावा नहीं देना चाहते, तो हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को बढावा देकर ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ बंद करनी होगी, ऐसा भी श्री. शिंदे ने कहा ।

इस समय ‘विवेकानंद कार्य समिति’ के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री ने कहा कि ‘हलाल’ और ‘हराम’, ये बताते हैं कि इस्लामनुसार क्या उचित और क्या अनुचित है । यह लोगों को नियंत्रित करनेवाली व्यवस्था है, जिससे इस्लाम का वर्चस्व निर्माण किया जाता है ।

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