झारखंड के जमशेदपुर में विश्व हिंदू परिषद ने 19 सितंबर 2021 को एक इमामबाड़ा में लोहे की चेन से बाँधकर रखी गई हिंदू लड़की को मुक्त कराया। यह इमामबाड़ा बिष्टुपुर थाने के बोधनवाला गैरेज के पीछे बह रही खरकई नदी के किनारे स्थित है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़की को उसके माता-पिता भूत-प्रेत के शक में इमामबाड़ा लाए थे। वहाँ पर पीड़िता को रफीक नाम के इमामबाड़ा के मौलवी ने बाँधकर रखा था। विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने पीड़िता को उसके चंगुल से आजाद करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
24 वर्षीय युवती परसुडीह के मक्कड़पुर स्थित मुंशी मोहल्ले की रहने वाली है। उसके परिवार वालों को शक था कि उस पर भूत सवार है। वे उसे इलाज के लिए इमामबाड़ा ले गए, जहाँ मौलवी रफीक ने उसे जंजीरों से बाँध दिया।
लड़की पिछले एक महीने से ‘भूत भगाने’ के दौर से गुजर रही थी। इस दौरान उसके पिता उसके साथ थे। लड़की का आरोप है कि भूत भगाने की प्रक्रिया के दौरान रफीक ने उसके साथ मारपीट की थी।
युवती की स्थिति बेहद खराब
जिस दिन लड़की को बचाया गया उस दिन विश्व हिंदू परिषद जमशेदपुर महानगर के जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता ने मीडिया को बताया कि इमामबाड़ा में लड़की बेहद दयनीय स्थिति में मिली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि लड़की के माता-पिता का धर्मान्तरण कराने के लिए ब्रेनवॉश किया गया था। उन्होंने कहा कि लड़की के पिता और सौतेली माँ संगठन का सहयोग करने के बजाय इमामबाड़ा के मौलवी का पक्ष ले रहे थे।
अजय गुप्ता ने कहा, “हम मानते हैं कि इमामबाड़ा में लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया था। हमारे पास लड़की का ऑन-रिकॉर्ड स्टेटमेंट है जो आप चाहें तो हम आपको दे सकते हैं। जमशेदपुर के लिए यह दुखद स्थिति है कि इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में धार्मिक सद्भाव को बाधित करने के लिए ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। प्रशासन को मामले का संज्ञान लेना चाहिए और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
VHP नेता ने कहा, “हमारे पास इमामबाड़ा में लड़की के जंजीरों में जकड़े हुए होने का फुटेज है। हमारी संस्था की सदस्य रितिका बच्ची की काउंसलिंग कर रही थी। हमने लड़की को प्रशासन को सौंप दिया है और वे मामले में आगे अपडेट करेंगे।”
लड़की की छोटी बहन का इलाज इमामबाड़ा में हुआ
इस मामले को लेकर बिष्टुपुर थाने के प्रभारी विष्णु कुमार राउत ने कहा कि लड़की को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस जाँच करेगी। उन्होंने कहा कि लड़की के पिता ने पुलिस को बताया था कि लड़की की छोटी बहन का इलाज इमामबाड़ा में किया गया था क्योंकि उस पर भी भूत भी था। उसके पिता ने पुलिस को बताया था कि वह इमामबाड़ा में इलाज से ‘ठीक’ हो गई थी।
बच्ची को छुड़ाने इमामबाड़ा पहुँची विहिप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानकारी मिलने के बाद जब विश्व हिंदू परिषद के सदस्य इमामबाड़ा पहुँचे तो उन्होंने युवती को जंजीरों में बंधा देखा। उसके चेहरे पर मारपीट के निशान थे। जब उससे इस बाबत पूछा गया कि क्यों बांधा गया है तो पीड़िता ने कहा, “उन्हें लगता है कि मैं मानसिक रूप से बीमार हूँ। उन्हें लगता है कि मुझमें भूत है।”
वहीं रफीक से इसका कारण पूछा गया तो उसने कहा, “उस पर शैतान का कब्जा है। इसलिए हमने उसे बाँध रखा है। उसने अपने पिता, माँ और भाई के साथ मारपीट की।” वहीं जब विहिप के लोगों ने उससे पूछा कि वह उसके साथ क्या करेगा तो रफीक ने दावा किया कि उस स्थान पर एक ‘अलौकिक शक्ति’ है, जो ऐसे रोगियों का इलाज करती है।
रफीक ने दावा किया कि वहाँ 2004 में कर्बला का निर्माण किया गया था। इस बीच पीड़िता ने रफीक पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। जिस वक्त विहिप के लोग लड़की से बात कर रहे थे तो उसी दौरान वहाँ पहुँचे युवती के पिता ने उससे बातचीत नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा, “मैं उसका पिता हूँ। उसकी बहन भी यहाँ है।”
पीड़िता की बहन ने कहा, “उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह शैतानों के कब्जे में है।” लेकिन जब पीड़िता के पिता से यह पूछा गया कि उन्हें किसने बताया कि उस पर भूत सवार है तो उनके पास कोई उत्तर नहीं था। उसके पिता ने दावा किया, “मुझे किसी ने नहीं बताया। मैं कह रहा हूँ कि उस पर भूत सवार है।”
युवती को जाँच के लिए भेजा गया एमजीएम अस्पताल
फिलहाल युवती को वहाँ से छुड़ाने के बाद उसे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा गया है। उसके परिवार को काउंसलिंग के लिए अस्पताल ले जाया गया। लड़की के इलाज के बाद उसे मानसिक इलाज के लिए राँची रेफर किया जाएगा।
इस मामले को लेकर डीएसपी पीसीआर अनिमेष गुप्ता ने कहा कि जब लड़की को थाने लाया गया तो वह होश में थी। उसने अपने और अपने परिवार के बारे में सटीक जानकारी दी। उसे अपना नाम और पता ठीक से याद था। उन्होंने कहा, “लड़की को मेडिकल जाँच के लिए भेजा गया है।”
काउंसलिंग के दौरान लड़की का बयान
विश्व हिंदू परिषद की रितिका ने पीड़िता की काउंसलिंग की और उसे आश्वासन दिया कि परिवार पुलिस के सामने कुछ भी कहे, संगठन उसका समर्थन करेगा। काउंसलिंग सेशन के दौरान लड़की ने बताया कि रफीक ने उसे जंजीर से बाँधकर रखा और उसके साथ मारपीट की।
उसने बताया, “वह मुझे एक गिलास पानी देता था और उसके बाद मुझे लगता था कि जैसे मैं बेहोश हो गई, हालाँकि मैं जाग रही थी, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती थी। इसके बाद वो मुझे उस जगह पर ले जाता था, जहाँ उसके पास एक दीपक होता था और वो कुछ बुदबुदाता था।”
रफीक ने दावा किया कि वहाँ 2004 में कर्बला का निर्माण किया गया था। इस बीच पीड़िता ने रफीक पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। जिस वक्त विहिप के लोग लड़की से बात कर रहे थे तो उसी दौरान वहाँ पहुँचे युवती के पिता ने उससे बातचीत नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा, “मैं उसका पिता हूँ। उसकी बहन भी यहाँ है।”
पीड़िता की बहन ने कहा, “उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह शैतानों के कब्जे में है।” लेकिन जब पीड़िता के पिता से यह पूछा गया कि उन्हें किसने बताया कि उस पर भूत सवार है तो उनके पास कोई उत्तर नहीं था। उसके पिता ने दावा किया, “मुझे किसी ने नहीं बताया। मैं कह रहा हूँ कि उस पर भूत सवार है।”
युवती को जाँच के लिए भेजा गया एमजीएम अस्पताल
फिलहाल युवती को वहाँ से छुड़ाने के बाद उसे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा गया है। उसके परिवार को काउंसलिंग के लिए अस्पताल ले जाया गया। लड़की के इलाज के बाद उसे मानसिक इलाज के लिए राँची रेफर किया जाएगा।
इस मामले को लेकर डीएसपी पीसीआर अनिमेष गुप्ता ने कहा कि जब लड़की को थाने लाया गया तो वह होश में थी। उसने अपने और अपने परिवार के बारे में सटीक जानकारी दी। उसे अपना नाम और पता ठीक से याद था। उन्होंने कहा, “लड़की को मेडिकल जाँच के लिए भेजा गया है।”
काउंसलिंग के दौरान लड़की का बयान
विश्व हिंदू परिषद की रितिका ने पीड़िता की काउंसलिंग की और उसे आश्वासन दिया कि परिवार पुलिस के सामने कुछ भी कहे, संगठन उसका समर्थन करेगा। काउंसलिंग सेशन के दौरान लड़की ने बताया कि रफीक ने उसे जंजीर से बाँधकर रखा और उसके साथ मारपीट की।
उसने बताया, “वह मुझे एक गिलास पानी देता था और उसके बाद मुझे लगता था कि जैसे मैं बेहोश हो गई, हालाँकि मैं जाग रही थी, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती थी। इसके बाद वो मुझे उस जगह पर ले जाता था, जहाँ उसके पास एक दीपक होता था और वो कुछ बुदबुदाता था।”
अवैध है इमामबाड़ा
इस घटना की जानकारी के लिए ऑपइंडिया ने हिंदू पीठ के अरुण सिंह और विश्व हिंदू परिषद के गोलू आजाद से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर जिले में बिष्टुपुर नाम की एक जगह है। वहीं पर नदी के पास हुसैनी कर्बला (इमामबाड़ा) है। उन्होंने दावा किया कि कर्बला अवैध है। उस जगह पर भूत भगाना आम बात है। लोग हर शुक्रवार को यहाँ आते हैं।
उन्होंने कहा, “हमें एक लड़की के बारे में पता चला था, जिसे भूत भगाने के लिए वहाँ बांध दिया गया था। उसके माता-पिता को लग रहा था कि उस पर भूत सवार था। हमें यह भी पता चला कि वह एक अच्छे स्कूल की छात्रा थी। वह पिछले 32 दिनों से इमामबाड़ा में तथाकथित इलाज करवा रही थी। उसका मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया। एक स्थानीय संगठन ने हमसे संपर्क किया और हमें लड़की के बारे में बताया।” वे 20 सितंबर की सुबह बच्ची को छुड़ाने वहाँ पहुँचे।
उन्होंने ये भी कहा, “जब हम वहाँ पहुँचे तो हमने उसे जंजीरों में बंधा हुआ देखा। हमने कुछ वीडियो बनाए और उसे रिलीज कर दिया। इसके बाद हमने पुलिस को बुलाया और उसे प्रशासन को सौंप दिया। उसका पहले जिला अस्पताल में इलाज किया गया और फिर आगे के इलाज के लिए राँची रेफर कर दिया गया। सिंह ने आगे कहा कि एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है कि उसका मेडिकल किया गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
अरुण सिंह ने यह भी कहा कि इस मामले में हो रही देरी अपने आप में जाँच का विषय है। उन्होंने दावा किया कि ऑपइंडिया से बात करने से 30 मिनट पहले उन्होंने थाना प्रभारी से बात की थी। थाना प्रभारी ने बताया कि अभी रिपोर्ट नहीं मिली है।
जब हमने पूछा कि वे आगे क्या कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं, तो सिंह ने कहा, “प्रशासन ने हमसे कार्रवाई का वादा किया है, इसलिए हम उसकी प्रतीक्षा करेंगे। हालाँकि, अगर वे कोई कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो हम इमामबाड़े के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे और प्रशासन से कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे।”
ऑपइंडिया से बात करते हुए गोलू आजाद ने दावा किया कि पुलिस को कम से कम सात दिन पहले मेडिकल रिपोर्ट मिली थी। उन्होंने कहा, “यह जाँच का विषय है कि बिष्टुपुर थाना पुलिस यौन हमले के मामले में लड़की की मेडिकल रिपोर्ट क्यों जारी नहीं कर रही है। रिपोर्ट निगेटिव या पॉजिटिव आई तो पुलिस यह बताने में क्यों हिचकिचाती है? अगर कोई उनसे रिपोर्ट के बारे में पूछता है तो वे कहते हैं कि यह महत्वपूर्ण नहीं है।”
मामले में पुलिस का बयान
ऑपइंडिया ने बिष्टुपुर पुलिस थाने में इस मामले पर अपडेट लेने के लिए संपर्क किया तो जिस पुलिस अधिकारी ने हमसे बात की, उन्होंने अपना नाम नहीं बताया, लेकिन हमें बताया कि पिता ने लिखित में दिया था कि वह लड़की को खुद इमामबाड़ा ले गया। उस पर कोई दबाव नहीं था। उन्होंने कहा कि रफीक के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
हालाँकि, अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस तरह की अंधविश्वासी प्रथाएँ और भूत ‘भगाने’ के नाम पर लोगों के साथ क्रूर व्यवहार को जारी रखने की अनुमति क्यों दी जा रही है।
संदर्भ : OpIndia