लोहाना महिला संघ एवं गुजराती महिला संघ की ओर से ‘पितृपक्ष’ विषय पर ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन
धनबाद (झारखंड) : हिन्दू धर्म में पितृऋण चुकाने हेतु श्राद्धविधि संपन्न कराने का विशेष महत्त्व बताया गया है; परंतु हिन्दू समाज को श्राद्ध का महत्त्व तथा उसके संदर्भ में धर्मशास्त्र का ज्ञान न होने के कारण श्राद्धविधि के संदर्भ में अनेक अवधारणाएं फैली हैं । ऐसे समय में श्राद्धविधि करने का शास्त्र समझ लेकर उसे संपन्न कराने से हमें अधिक लाभ मिलता है । हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत समन्वयक श्री. शंभू गवारे ने यह मार्गदर्शन किया । धनबाद एवं रांची के जिज्ञासुओं ने इस प्रवचन का लाभ उठाया ।
पितृपक्ष के उपलक्ष्य में यहां का लोहाना महिला संघ एवं गुजराती महिला संघ की ओर से एक ऑनलाइन पद्धति से प्रवचन का आयोजन किया गया था । उसमें मार्गदर्शन करते हुए श्री. शंभू गवारे ने पितृपक्ष में किस दिन श्राद्ध करना उपयुक्त है ?, ‘श्राद्ध के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध न हो, तो क्या करना चाहिए ?’ पितृदोष दूर करने के क्या उपाय हैं ?’ जैसे अनेक प्रश्नों के उत्तर दिए । इस प्रवचन के आयोजन में लोहाना समुदाय की अध्यक्ष श्रीमती गीता दलाल का विशेष योगदान रहा ।