‘हिन्दू राष्ट्र’ का संकल्प करें और हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में योगदान दें ! – पू. नीलेश सिंगबाळजी का हिन्दू समाज को आवाहन
गत 75 वर्षो में अल्पसंख्यकों की प्रचंड चापलूसी करने के कारण हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी उन्हें संवैधानिक सुरक्षा नहीं मिली है । मदरसों में कुरान सिखाने के लिए सेक्युलर सरकार अनुदान देती है; परन्तु हिंदुओं को उनके धर्म की शिक्षा देने का विरोध किया जाता है । हिंदुओं के मंदिर सेक्युलर सरकार चलाती है; परन्तु मस्जिदों-चर्च का सरकारीकरण नहीं किया जाता । उसके साथ ही लव जिहाद, लैंड जिहाद, आतंकवाद, धर्मांतरण, हिन्दुओं की हत्या, गोहत्या आदि अनेक समस्याआें का सामना हिन्दुओं को करना पड रहा है । इसलिए भारत के हिन्दुओं के लिए सुरक्षित वातावरण निर्माण करने का एक ही उपाय है । वह है भारत में ’धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना ! इसके लिए प्रत्येक हिन्दू व्यक्ति हिन्दू राष्ट्र का संकल्प कर तन-मन-धन अर्पण कर अपने समय और क्षमता के अनुसार हिन्दू राष्ट्र के कार्य में योगदान दें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पू. नीलेश सिंगबाळजी ने किया । ‘हिन्दू जनजागृति समिति का 20 वां वर्ष : हिन्दू राष्ट्र संकल्प अभियान !’ इस विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे । इस समय देशभर के विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रमुखों और मान्यवरों ने अपना मनोगत व्यक्त कर समिति के कार्य को शुभकामनाएं दीं ।
हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, देश की हिन्दू विरोधी शक्तियां, वामपंथी विचारधारा, सेक्युलर नेता, चलचित्र के कलाकारों ने हिन्दू धर्म, संस्कृति, हिन्दू राष्ट्र और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की अपकीर्ति करने का अभियान चलाया है । भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र की परिषद में वही भाषा बोल रहे हैं । क्या इन दोनों में गठबंधन हुआ है, ऐसा संदेह होता है । इस संबंध में हिन्दू समाज में जागृति होनी चाहिए ।
हिन्दू जनजागृति समिति के तेलंगाना और आंध्रप्रदेश राज्य समन्वयक श्री. चेतन गाडी ने कहा कि, मुसलमान और ईसाई पंथियों को संसार पर उनका राज्य लाना है । इसलिए वे प्रयासरत हैं । वह धार्मिक नहीं, अपितु एक राजनीतिक संकल्पना है । हिन्दू राष्ट्र राजनीतिक संकल्पना नहीं, अपितु धर्माधारित जीवन जीने की व्यापक संकल्पना है । हिन्दू राष्ट्र में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं होगा तथा किसी पर भी अत्याचार नहीं होंगे । इसके विपरीत मुगलों और अंग्रेजों के शासन में मनुष्य को गुलाम बनाकर बेचने की अमानवीय प्रथा प्रारंभ हुई । हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने कहा कि, हिन्दू राष्ट्र की महान संकल्पना हिन्दुओं तक पहुंचाने के लिए समिति विविध माध्यमों से प्रयत्न कर रही है । समिति ने धर्मशिक्षावर्ग, हिन्दुओं का संगठन और अनेक उपक्रम प्रारंभ किए हैं । हिन्दू धर्म पर हो रह आघातों, हिन्दूविरोधी शक्तियों के षड्यंत्रों का विरोध करने सहित हिन्दू राष्ट्र के कार्य में हिन्दुओं को बडी मात्रा में सहभागी किया जा रहा है ।