बांग्लादेश के कॉमिला जिले ननुआ दिघी में दुर्गा पूजा के पंडाल में मुस्लिम भीड़ द्वारा जम कर तोड़फोड़ मचाई गई। प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। किसी असामाजिक तत्व ने वहाँ चल रही दुर्गा पूजा को बदनाम करने के लिए कुरान के अपमान की अफवाह फैला दी, जिसके बाद ये घटना हुई। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने बताया कि किसी हिन्दू विरोधी ने माँ दुर्गा के चरणों में चुपचाप कुरान रख कर इस तस्वीर को वायरल कर दिया।
Spreading rumors of insulting the Qur'an, the puja mandapa of Nanua Dighi par in Comilla was attacked. https://t.co/KmljSISWFu pic.twitter.com/4oM1gS46yJ
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 13, 2021
‘बांग्लादेश हिन्दू यूनिटी काउंसिल’ ने इस सम्बन्ध में जानकारी दी। संस्था ने कॉमिला के सभी हिन्दुओं को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्हें कहा गया है कि वो मंदिरों में साथ में रहें। इस घटना को लेकर BHUC पुलिस से भी संपर्क कर रहा है, ताकि हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह माँ दुर्गा की प्रतिमा तोड़ डाली गई और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी खंडित कर दिया गया।
तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह पूरे पंडाल को ही उखाड़ कर तहस-नहस कर दिया गया। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि कुरान की जिस तस्वीर को लेकर ये हिंसा हुई, वो एडिटेड है और फोटो को एडिट कर के जानबूझ कर वायरल किया गया था। ‘बांग्लादेश हिन्दू यूनिटी काउंसिल’ ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा, “पूजा हो गया। हम कभी 2021 के दुर्गा पूजा को नहीं भूल सकते।”
Pujo Done ???
From : Comilla nanuyar Dighi puja Mandap.
We will never Forget 2021 Durga puja. Maa durga bless you all. ?#BlackDayOfBDHindus pic.twitter.com/25QXh1PcTY— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 13, 2021
इससे पहले खबर आई थी कि कैसे बांग्लादेश की राजधानी ढाका के टीपू सुल्तान रोड स्थित दुर्गा मंदिर में हिन्दुओं को स्थानीय मुस्लिमों द्वारा नवरात्रि की पूजा करने से रोक दिया गया। स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों ने नवरात्रि के दौरान शंखनिधि मंदिर में हिन्दुओं को माँ दुर्गा की पूजा नहीं करने दी। हालाँकि, वहाँ की सरकार ने दुर्गा पूजा के लिए हिन्दुओं को एक अस्थायी जगह दे दी है। इस मंदिर का निर्माण कोलकाता के लालमोहन साहा ने सन् 1921 में करवाया था।
संदर्भ : OpIndia