डाक की टिकटों के मूल्य द्वारा राष्ट्रभक्तों का महत्त्व निर्धारित नहीं होता ! – हिन्दू जनजागृति समिति
वीर विनायक दामोदर सावरकर का बार-बार अपमान करनेवाले कांग्रेस के ऊर्जामंत्री नितीन राऊत का हिन्दू जनजागृति समिति तीव्र निषेध करती है । वीर सावरकर के स्मरणदिन के निमित्त तत्कालीन कांग्रेस प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने डाक टिकट प्रकाशित किए; परंतु आज उन्हीं के दल के मंत्री उस पर टीका कर अपने ही दल के नेताआें का अपमान कर रहें है । यदि इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर की तुलना में बंदर के टिकट का मूल्य अधिक रखा, ऐसा मंत्री महोदय को कहना हो, तो कांग्रेसी संस्कृति में आज देशभक्तों की तुलना में बंदरो के समान गुलाटी मारनेवालों को अधिक महत्त्व क्यों दिया जा रहा है, यह ध्यान में आता है । माननीय मंत्रीमहोदय, किसी डाक टिकट के मूल्य से राष्ट्रभक्तों का महत्त्व निर्धारित नहीं होता, यह ध्यान रखें, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति ने कहा है ।
तिकिटांच्या किंमतीवर राष्ट्रभक्ताची किंमत ठरत नसते !!
…तसे असेल तर मग 15-20 पैशाच्या नाण्यांवर, तिकिटावर गांधी-नेहरूंचे चित्र आहे, मग तुमच्या मते त्या माकडाची किंमत त्यांच्यापेक्षाही अधिक आहे ?@NitinRaut_INC उत्तर द्याल का ?@NiteshNRane@RanjitSavarkar@SunainaHoley https://t.co/gRjZl6Qn6Q pic.twitter.com/29GfnXNaFk— ? Ramesh Shinde ?? (@Ramesh_hjs) October 22, 2021
यदि राष्ट्रभक्तों का मूल्य डाक टिकटों से निधारित करना हो, तो गांधीजी के डाक टिकटों का मूल्य डेढ आना अर्थात 9 पैसे; मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, कस्तुरबा गांधी के डाक टिकटों का मूल्य 15 पैसे है । उस तुलना में वीर सावरकर के डाक टिकटों का मूल्य 20 पैसे है । इससे वीर सावरकर का मूल्य तत्कालीन कांग्रेसी नेताआें से अधिक ही है । वीर सावरकर की तुलना बंदर से करनेवाले ऊर्जामंत्री ने एकप्रकार से गांधी-नेहरू के टिकटों की तुलना भी बंदरों से की है, यह उन्हें समझ में आ रहा है क्या ? देश के लिए कुछ करना संभव न हो, तो कम से कम स्वतंत्रता के लिए लडनेवाले हमारे महान क्रांतिकारियों का सम्मान करने का सौजन्य तो कांग्रेसी नेताआें में होना चाहिए । ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध दृढ रहकर वीर सावरकर अंडमान में दंड भोगने के लिए गए; परंतु मंत्री महोदय स्वयं की ‘फेसबुक पोस्ट’ के विषय में भी दृढ रहने का साहस नहीं दिखा पाएं । इसीलिए उन्होंने वह पोस्ट तत्काल डिलीट कर अपना बचाव किया । तब भगौडा कौन हैं ?, ऐसा प्रश्न भी हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।