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गुजरात : भरूच की एक सोसायटी हुई अल्पसंख्यक बहुल, तो घर बेचने को विवश हुए हिन्दू

जलाराम बापा मंदिर पर लगा ‘बिक्री का बोर्ड’

क्या भरूच बन रहा है दुसरा कश्मीर ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

“हर गुरुवार को, जलाराम बापा मंदिर में शाम की आरती होती थी। फिर एक दिन शौकत अली ने मंदिर के ठीक सामने एक घर खरीदा। उसने आरती का विरोध करना शुरू किया। धीरे-धीरे सोसाइटी के 28 घरों को मुसलमानों ने खरीद लिया और अब मंदिर में आरती बंद हो गई है। इतना ही नहीं, मंदिर को अब बेचने की भी तैयारी है।” यह कोई कहानी नहीं है बल्कि भरूच से जुड़ा वह कड़वा सच है जो नाम न छापने की शर्त पर हमारे एक सूत्र ने हमें बताया।

उन्होंने आगे बताया, “भरूच के कुछ हिस्सों में 2019 में अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू किया गया था, लेकिन प्रशासन सहित कुछ लोगों ने इसमें छिपी खामियों का फायदा उठाते हुए कुछ क्षेत्रों में पूरी जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) ही बदल डाला। अब स्थिति यह हो गई है कि हिंदू केवल भरूच के सोनी फलियो और हाथीखाना क्षेत्रों में रह गए हैं। अब वहां भी मुश्किल से कोई 20-25 हिंदू परिवार बचे हैं। और वो भी अब यहाँ से अपने घरों को बेचकर और वह इलाका छोड देने का फैसला कर चुके हैं।”

कैसे उन इलाकों में यह पूरा खेल खेला गया। उन्होंने समझाते हुए कहा, “मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। आप और मैं दोनों एक ही रेजिडेंशियल सोसाइटी में रह रहे हैं। आप मकान नंबर 11 में रहते हैं और मैं मकान नंबर 12 में, सामान्य तर्क यह कहता है कि यदि यह क्षेत्र अशांत क्षेत्र अधिनियम के अंतर्गत आता है तो एक रेसिडेंशियल सोसाइटी के सभी घर अशांत क्षेत्र अधिनियम के तहत आएँगे। लेकिन कुछ नौकरशाहों और अन्य लोगों ने उन खामियों का लाभ लेते हुए दावा करते हैं कि एक घर एक टीपी योजना के तहत आता है और दूसरा दूसरे में और इसलिए एक घर अशांत क्षेत्र अधिनियम के तहत आता है जबकि दूसरा नहीं। और यहीं से एक को खरीदने-बेचने का तरीका निकाल लिया जाता है। फिर भी हर कोई इस जनसांख्यिकी परिवर्तन से आँखें मूँदे हुए है।”

स्थानीय मीडिया चैनल गुजरातवॉच द्वारा शूट किए गए इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे हिन्दू अपने घरों और मंदिरों को बेचने के लिए मजबूर हैं। वहां लगे एक बैनर पर लिखा है, “इस चॉल के निवासी हिंदू हैं लेकिन अब यह सब बिकने को है।”

हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का यह भी कहना है कि जब वहां के निवासियों ने इन खामियों का फायदा उठाकर मुस्लिमों द्वारा संपत्ति पर कब्जा करने का विरोध किया, तो पुलिस और प्रशासन ने उन पर शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ ही मामला दर्ज करने की धमकी दी। उन्होंने कहा, “सरकार हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए चुनी गई थी, यही वजह है कि वे जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, अशांत क्षेत्र अधिनियम जैसे कानून भी लाए, लेकिन इस तरह की खामियों का फायदा उठाया जा रहा है और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है।”

स्त्रोत : ऑप इंडिया

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