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बांग्लादेश में हिन्दुओं पर आक्रमणों के विरोध में इस्कॉन द्वारा १५० देशों में ७०० मंदिरों के पास आंदोलन !

ट्विटर पर हैशटैग #SaveBangladeshiHindus विश्व स्तर पर ५ वें स्थान पर है !

इस्कॉन द्वारा विरोध प्रशंसनीय है, किन्तु कट्टरता को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। भारत सरकार को इसमें पहल करनी चाहिए , हिन्दू  की ऎसी अपेक्षा है ! – संपादक, हिन्दूजागृति

नई दिल्ली – २३ अक्टूबर को, इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) ने बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं पर किए गए आक्रमणों के विरोध में १५० देशों में अपने ७०० मंदिरों के पास निषेध प्रदर्शन किया। साथ ही कट्टरपंथियों के विरोध कड़ी कार्रवाई की मांग की ।

इस संबंध में इस्कॉन के प्रवक्ता एवं उपाध्यक्ष श्री राधारमण दास ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सदा ही बांग्लादेश में हिन्दुओं द्वारा किए गए अत्याचारों को दुर्लक्ष किया है। हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमणों  के बारे में वैश्विक जागरूकता निर्माण  करने के लिए हम जापान की राजधानी टोक्यो से लेकर कनाडा की राजधानी टोरंटो तक ७०० स्थानों पर ‘जागतिक कीर्तन आंदोलन’ करेंगे। हिन्दुओं को चाहिए कि वे समीप के आंदोलन स्थल पर जाएं और हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में अपनी असंतुष्टि प्रदर्शित  कराएं।”

१. इस आंदोलन को ट्विटर से स्वयंस्फूर्त प्रतिक्रिया मिली। हैशटैग #SaveBangladeshiHindus (एक विषय पर चर्चा) ने विश्व भर के हिन्दू समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा इस विषय  पर जागरूकता बढ़ाई।हैशटैग वैश्विक रुझानों में पांचवें स्थान पर रहा, जबकि यह राष्ट्रीय स्तर पर कई घंटों तक सबसे आगे रहा। इस हैशटैग का उपयोग  करते हुए ४ लाख ७० हजार से अधिक  हिन्दू भक्तों ने ट्वीट किया।

२. इस आंदोलन में विभिन्न हिन्दू धर्म प्रेमियों के साथ-साथ कई हिन्दू समर्थक संगठनों के प्रवक्ताओं, कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं ने सक्रिय भाग लिया।बांग्लादेशी हिन्दुओं की रक्षा के लिए हजारों हिन्दुओं के  हाथों में पट्टियां  लेकर विरोध करने के चित्र ट्विटर पर प्रसारित हुए ।

इस्कॉन के ‘ जागतिक कीर्तन आंदोलन’ के लिए हमारा समर्थन ! – सनातन संस्था

सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने इस विषय पर अपना वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘बांग्लादेश में मंदिरों पर आक्रमणों के  साथ ही हिन्दुओं, विशेष रूप से इस्कॉन भिक्षुओं पर किए गए आक्रमण  घृणित हैं और इनकी घोर निंदा की जानी चाहिए। सनातन संस्था इस्कॉन के ‘जागतिक कीर्तन आंदोलन’ का समर्थन करती है और मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बांग्लादेशी हिन्दुओं की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए योगदान देने की अपील करता हूं।

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