वैशाख शुक्ल ४ , कलियुग वर्ष ५११५
तीव्र हिंदूनिष्ठ नाट्य कलाकार शरद पोंक्षेद्वारा प्रकट साक्षात्कारमें हिंदुओंको आवाहन !
डोंबिवली : तीव्र हिंदूनिष्ठ नाट्य कलाकार श्री. शरद पोंक्षेने स्पष्ट शब्दोंमें अपना स्पष्ट मत व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समयके युवकोंको बताया जाता है कि हमें खून न बहाते हुए, अहिंसा मार्गसे स्वतंत्रता मिली है । इसके विपरीत स्वातंत्र्यवीर सावरकर, सुभाषचंद्र बोस आदि व्यक्तियोंद्वारा देशके लिए किए गए बलिदानकी सीख तथा महापुरुषोंकी शौर्यगाथा युवकोंको बतानी चाहिए । ऐसी शौर्यगाथाएं न बतानेके कारण देशकी जनसंख्या १२५ करोड होते हुए भी आज जनताको देशकी वर्तमान स्थितिके विषयमें कुछ प्रतीत नहीं होता । दूसरी ओर चीनद्वारा घुसपैठ करनेके उपरांत भी कांग्रेस सरकार कुछ नहीं करती । यदि ऐसा ही होता रहा, तो एक दिन ऐसी ब्रेक्रिंग न्यूज सुननेमें आएगी कि चीनने भारतपर राज्य करना आरंभ कर दिया । इसीलिए २०१४ के चुनावमें कांग्रेसको हटाकर भगवा फहराएं, अन्यथा भविष्यमें हिंदुओंका विनाश होगा ।
`लश्कर-ए-शिवबा’ सामाजिक संस्थाद्वारा रविवारको यहांके शिव प्रतिमा मित्रमंडलके क्रीडांगणमें आयोजित कार्यक्रममें श्री. पोंक्षेका प्रकट साक्षात्कार दैनिक लोकसत्ताके भूतपूर्व निवासी संपादक श्री. सुधीर जोगळेकरद्वारा लिया गया । इस साक्षात्कारमें श्री. पोंक्षेद्वारा किए fिवविधांगी अभिनयके विषयमें पूछे गए प्रश्नपर उन्होंने अत्यंत खुले दिलसे उत्तर दिए । इस कार्यक्रमकीr संकल्पना शिवसेनाके नगरसेवक श्री. रमेश म्हात्रेकी थी । उसीप्रकार लश्कर-ए-शिवबाके अध्यक्ष श्री. नीलेश काळे एवं उनके सहयोगियोंने विशेष रूपसे प्रयास किए । इस अवसरपर शैक्षणिक, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्रमें काम करनेवाले प्रतिष्ठित व्यक्तियोंका सम्मान किया गया । कार्यक्रमकी परिसमाप्ति `वन्दे मातरम्’ गीतसे हुई ।
कार्यक्रमको भाजपाके विधायक श्री. रवींद्र चव्हाण, कल्याण-डोंबिवली महापालिकाके नवनियुक्त उपमहापौर श्री. राहुल दामले, शिवसेनाके नगरप्रमुख श्री. प्रभाकर चौधरी, शिवसेनाके डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र संगठक श्री. तात्या माने, भाजपाके कल्याण जनपदाध्यक्ष श्री. नरेंद्र पवार, शिवसेना, भाजपा आदि दलोंके पदाधिकारियोंके साथ सहस्रों आबालवृद्ध उपस्थित थे ।
वर्तमान समयमें ८५ प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम समाजवादी !
श्री. पोंक्षेने अपने कार्यकालमें पत्रकारकी भूमिका भी निभाई थी । इस अनुषंगसे श्री. जोगलेकरने वर्तमान समयकी पत्रकारिता के विषयमें पूछे प्रश्नोंके उत्तरमें श्री. पोंक्षेने कहा कि वर्तमान समयकी पत्रकारिता विशेषत: इलेक्ट्रॉनिक माध्यममें ८५ प्रतिशत माध्यम समाजवादी हैं, जिसमें आइबीएन लोकमतका भी समावेश है । ये सभी माध्यम हिंदुत्वके विरोधमें काम करते हैं । गोधरा हत्याकांडके उपरांत हुए दंगेके लिए माध्यमोंने सभी दृष्टियोंसे गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीको कारणभूत करनेका एक भी अवसर नहीं छोडा; परंतु दंगा क्यों हुआ इसकी वास्तविकता वे प्रस्तुत नहीं करते । एक ओर मुसलमानद्वारा आतंकवादी कार्यवाहियां करनेपर कहा जाता है कि आतंकवादियोंको धर्म तथा जात नहीं होती । उनके लिए आतंकवाद एकमेव धर्म है, जबकि दूसरी ओर हिंदू आतंकवाद कहनेमें उनकी जीभ नहीं रुकती । समाचार प्रणालोंका यह पक्षपात संतापजनक है, जिसपर भयंकर क्रोध आता है । पहले बिना प्रमाणके एक भी समाचार समाचारपत्रमें नहीं दिया जाता था; परंतु अब सब कुछ पूर्वाग्रहित मानकर ही लिखा जाता है । क्या किसी समाचारके आगे प्रश्नचिह्न देनेसे सभी दायित्व समाप्त हो जाते हैं ? सच देखा जाए, तो आज अच्छी पत्रकारिता लगभग समाप्त हो गई है । अधिकांश समाचारपत्र पक्ष अथवा नेताओंके हो गए हैं । अतः नि:स्पृह पत्रकारिता नहीं रही । इसके विपरीत पत्रकारिता ऐसी हो जो अपनी भूमिका निर्भयतासे प्रस्तुत करे ।
वर्तमान समयमें सभीको हिंदुत्वका ध्वज सिरपर लेकर अग्रसर होना चाहिए ! – नीलेश काळे, लश्कर-ए-शिवबा
श्री. काळेने भाषणके आरंभमें कहा कि हिंदू धर्म एवं संस्कृति अत्यधिक महान है । वर्तमानमें धर्म एवं संस्कृति अनेक प्रयासोंद्वारा संजोई जा रही है । `लश्कर-ए-शिवबा’ युवकोंकी संस्था है तथा हिंदू संस्कृति संजोने हेतु प्रयास कर रही है । भविष्यमें हिंदू जागरणके कार्यक्रमद्वारा हिंदुत्वकी ज्योति प्रज्वलित रखनेवाले हैं । वर्तमान समयमें हिंदुत्वका ध्वज कांधेपर नहीं, अपितु सिरपर लेकर सभीको अग्रसर होना चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात