देश आर्थिक संकट में है अत: अरबों रुपए के फटाके जलाने के स्थान पर वे पैसे परिवार के लिए उपयोग करें !
फटाकों पर प्रतिबंध केवल हिंदुओं के दीपावली इत्यादि त्योहारों के समय ही नहीं, अपितु क्रिकेट मैच में विजय मिलने पर, ‘आइपीएल’ प्रतियोगिता का आरंभ होने पर, चलचित्र कलाकारों के कार्यक्रमों में, साथ ही ईसाई नववर्ष के निमित्त होनेवाली सभी प्रकार की आतिशबाजी पर भी लगाया जाना चाहिए । शासनकर्ता अथवा न्यायालयों द्वारा फटाकों पर प्रतिबंध लगाते समय जाति-धर्म के अनुसार भेदभाव करना पूर्णत: अनुचित है । वर्तमान में देश की सीमा पर युद्ध की स्थिति है । देश आर्थिक संकट में है तथा महंगाई में भी वृद्धि हुई है । ऐसे में हिन्दू समाज द्वारा दीपावली में फटाकों पर प्रतिवर्ष अरबों रुपए खर्च करने की तुलना में, वह पैसे त्योहार पर परिवार के कल्याण हेतु उपयोग करें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।
हिन्दू जनजागृति समिति विगत 19 वर्षों से फटाकों द्वारा होनेवाले प्रदूषण और देवताओं के चित्रों की अवमानना रोकने के लिए पूरे देश में अभियान चला रही है । इसके अंतर्गत हस्तपत्रकों का वितरण, प्रशासन को निवेदन देना, सामाजिक माध्यमों से जागृति करना, जनप्रबोधन के लिए ऑनलाइन चर्चासत्रों का आयोजन किया जा रहा है । इस अभियान में पूरे देश के अनेक राष्ट्रप्रेमी नागरिक सहभागी होते हैं । फटाकों के आच्छादन पर श्रीलक्ष्मी, श्रीकृष्ण, श्रीविष्णु इत्यादि देवता, साथ ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस और अन्य राष्ट्रपुरुष तथा श्रद्धाकेंद्रों के चित्र छापने से चित्रों द्वारा उनका अपमान होता है । दीपावली में जिन श्री लक्ष्मीमाता की हम पूजा करते हैं, उनके ही चित्रवाला ‘लक्ष्मी बम’ फोडकर चित्र के चिथडे करना, यह तो श्री लक्ष्मीदेवी का घोर अपमान ही है । ऐसा करने से क्या कभी हम पर श्री लक्ष्मीदेवी की कृपा होगी ?, इसका हिन्दुओं ने विचार करना चाहिए । साथ ही अभी भारतीय बाजार में बडी संख्या में चीनी फटाके बेचे जा रहे हैं । चीन भारत से पैसा कमा कर उसका उपयोग सीमा पर भारत के विरोध में कर रहा है । इसलिए शत्रु राष्ट्र को सहायता हो, ऐसी कोई भी कृति देशवासी न करें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने हिन्दू समाज से किया है ।