छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में धर्मान्तरण कराने का मामला प्रकाश में आया है। बिलासपुर का रहने वाला एक व्यक्ति जिले के उदयपुर ढाप गाँव के भोले-भाले लोगों को बीमारियों से निजात दिलाने के नाम पर उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहा था। हालाँकि, जैसे ही ईसाई धर्मान्तरण की खबर हिंदू संगठनों को लगी तो उन्होंने मौके पर जाकर उसे बंद करा दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, बिलासपुर जिले का रहने वाला साल्वेशन मिंज उदयपुर ढाप में बीते 2 दिनों से अपना कैंप लगाए हुए था। यहाँ उसने प्रार्थना सभा का आयोजन कर रखा था, जिसमें बड़ी संख्या में न केवल सरगुजा अंचल, बल्कि बाहर के लोग भी आए हुए थे। आरोपित लोगों की बीमारी दूर करने के बहाने उनका मतांतरण करा रहा था। फिलहाल जानकारी मिलने के बाद शनिवार (6 नवंबर 2021) को भारतीय जनता युवा मोर्चा, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेता मौके पर पहुँच गए और प्रार्थना सभा को बंद करा दिया। खास बात ये है कि वो ये प्रार्थना सभा प्रशासन को बिना बताए चोरी-छिपे चला रहा था।
हिंदू संगठनों के नेताओं के जमावड़े की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन भी दलबल के साथ वहाँ पहुँच गया। पुलिस वालों ने किसी तरह से हालात को संभाला और आरोपित को अपने साथ ले गए। उसे मणिपुर थाने में रखा गया है।
इस मामले में सरगुजा भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा, “उदयपुर ढाप में दो दिनों से धर्मान्तरण कराने की कोशिश किए जाने की सूचना हमें मिली थी। हमने पुलिस को सूचित किया और खुद भी वहाँ पहुँचे। वहाँ जाकर देखा तो बहुत से बाहरी लोग शासन-प्रशासन की इजाजत के बिना ही धर्मान्तरण का काम कर रहे थे।”
भाजयुमो के नेता के मुताबिक, वहाँ पर लोगों को बताया जा रहा था कि उनका पथरी ठीक हो जाएगा। वहीं पर एक व्यक्ति, जिसका पैर कटा था और सड़ रहा था, उसे यह कहा जा रहा था कि प्रार्थना करने से उसका पैर सही हो जाएगा। इसी तरह की लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। फिलहाल इस घटना को लेकर पुलिस का कहना है कि आरोपित से पूछताछ के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
संदर्भ : OpIndia