छत्तीसगढ़ में पत्थलगांव के खूंटापानी में 400 परिवार के 1200 लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की है। इन लोगों को तीन पीढ़ी पहले ईसाई बनाया गया था। दो दिन के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए। ये कार्यक्रम आर्य समाज और हिंदू समाज द्वारा आयोजित किया गया। इस दौरान भाजपा के प्रदेश मंत्री व ऑपरेशन घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सभी लोगों का पांव धुलकर हिंदू धर्म में फिर स्वागत किया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश मंत्री व जशपुर राजपरिवार के प्रबल प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए कहा कि हिंदुत्व की रक्षा करना उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है। उन्होंने बताया कि घर वापसी करने वाले अधिकांश परिवार बसना सराईपाली के थे।
वह बोले, “आज इतनी अधिक संख्या में लोगों की उनके मूल धर्म में वापसी अच्छे संकेत हैं। किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर किया गया काम कभी टिकाउ नहीं होता है। मिशनरियों ने गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका धर्मांतरण किया था। शिक्षा व स्वास्थ्य के नाम पर धर्म का सौदा किया था, पर हम लगातार इन षड्यंत्रों को बेकनाब करते रहेंगे।”
खूंटापानी में ऑपरेशन घर वापसी का कार्यक्रम आयोजित, 1200 लोगों के पांव धोकर हिन्दू धर्म में कराई वापसी https://t.co/hMZJOybNLl
यह हिंदू धर्म में वापसी कैसे हुई??? आदिवासी ईसाई बने तो उनकी वापसी तो आदिवासी में ही होनी चाहिए थी, अगर वे हिंदू बन गए तो इसे कहा जाएगा धर्मांतरण…— aman namra (@amannamra) November 20, 2021
वहीं हिंदू धर्म में लौटने वाले परिवारों ने बताया कि करीब 3 पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। उस वक्त वे बेहद गरीब थे और मिशनरियों की ओर से खेती में कुछ (आर्थिक) मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने के कारण धर्म परिवर्तन किया था। पर अब वे जागरूक हो गए हैं।
बता दें कि इस पूरे घर वापसी अभियान में 100 परिवार स्थानीय थे और 300 परिवार बसना सराईपाली से थे। इन सबको 20 बसों में बैठाकर लाया गया था। पूरे कार्यक्रम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। ये दो दिवसीय कार्यक्रम था। इसके पहले दिन खूंटापानी में आर्य समाज द्वारा कलश यात्रा निकाली गई थी जिसमें बहुत महिलाएँ शामिल हुई थीं। इसके बाद बाइक रैली निकली, जिसमें 300 युवा शामिल हुए और जोर-जोर से जय श्रीराम के नारे लगाए गए।
संदर्भ : OpIndia