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भारत का अपमान करनेवाले ‘वीर दास’ जैसे कलाकारों को कारागृह में भेजे ! – श्री. सुनील पाल, प्रसिद्ध हास्य-कलाकार

‘कॉमेडियन्स नहीं, राष्ट्रद्रोही !’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !

भारत की गौरवशाली बातों के विषय में सभी को अभिमान और आदर होना चाहिए । अमेरिका में जाकर हमारे भारत की बदनामी करनेवाले वीर दास के कथनों की मैं निंदा करता हूं । हास्य-कलाकारों का काम शुद्ध विनोद से लोगों को हंसाना है, तथापि देश की बदनामी करना, अश्‍लील-तुच्छ विनोद करना, गालियां देना, हिन्दू देवताओं  के विषय में अपशब्दों का उपयोग करना, यह एक प्रकार का वैचारिक आतंकवाद ही है । इनकी तुलना में रास्ते के बेवडे अधिक अच्छा मनोरंजन करते हैं । बडों का सम्मान और सामाजिक सीमा का पालन न करनेवाले ऐसे लोगों को मैं हास्य-कलाकार तो क्या कलाकार भी नहीं मानता । यह लोग समाज के शत्रु है । देश के शत्रुओं को जो दंड दिया जाता है, वही दंड उन्हें देना चाहिए । उन्हें कारागृह में भेजे बिना वे सुधरनेवाले नहीं है, ऐसा सुस्पष्ट प्रतिपादन मुंबई के प्रसिद्ध हास्य-कलाकार श्री. सुनील पाल ने किया है । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘कॉमेडियन्स नहीं, राष्ट्रद्रोही !’, इस ऑनलाइन विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।

इस समय मुंबई के ‘सैफ्रन थिंक टैंक’ के संस्थापक श्री. सिद्धांत मोहिते ने कहा कि ‘भारत में दिन में महिला की पूजा की जाती है और रात में गैंग रेप किया जाता है’, ऐसा दुष्प्रचार करनेवाले वीर दास अकेले नहीं, इसमें बॉलीवुड के कुछ बडे लोग भी सहभागी है । इससे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज के विषय में आपत्तिजनक वक्तव्य किए गए थे । केवल वीर दास ही नहीं, अपितु अग्रीमा जोशूवा, मुनव्वर फारूकी, कुणाल कामरा जैसे अनेक कलाकार है, जो देवी-देवताओं पर तुच्छ विनोद करते हैं । क्या यह लोग मुसलमान अथवा ईसाई धर्मियों के श्रद्धाकेंद्रों के विषय में विनोद करने का साहस करेंगे ? कर्नाटक की पत्रकार लक्ष्मी राजकुमार ने कहा कि हास्य-कलाकारों का आचरण देखते हुए लगता है कि उन पर उपचार करने की नितांत आवश्यकता है । अपने देश की महिलाओं का अपमान करनेवाले वीर दास एक प्रकार से स्वयं की माता को भी उसी मापदंड पर तौल रहे हैं, यह उनके ध्यान में नहीं आता ।

नई दिल्ली के हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि देवी-देवता, संत, राष्ट्रपुरुष, धर्मग्रंथ, भारतमाता के विषय में विनोद कर लोगों के  मन में बसी श्रद्धा कम करने का यह प्रकार विगत कुछ वर्षों से आरंभ है । पहले चलचित्र (फिल्म), उसके बाद वेब सीरिज और अब स्टैंड-अप कॉमेडी ऐसे विविध माध्यमों से अपमान किया जा रहा है । हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि रामायण, गीता, राम, कृष्ण इत्यादि हमारे राष्ट्रीय सम्मान है, उनका आदर बनाए रखने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए । इसलिए हम भी ऐसी मांग करते है कि केंद्र सरकार श्रद्धाकेंद्रों का अवमान रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कठोर कानून बनाएं । आगे से देवता और श्रद्धास्थान का अपमान हिन्दू सहन नहीं करेंगे, ऐसा भी उन्होंने कहा ।

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