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पंजाब : हिन्दुओं और सिखों के विरोध के कारण राज्य के मुख्यमंत्री ईसाई मिशनरियों की ‘चंगई सभा’ ​​में उपस्थित नहीं रहेंगे !

मोगा : पंजाब के मोगा जिले में 24 नवंबर को सोशल मीडिया पर वायरल खबर में दावा किया गया कि मोगा में 25 नंवबर को आयोजित चंगाई सभा में प्रोफेट बजिंदर सिंह द्वारा कैंसर, विकलांग लोगों का इलाज किया जाएगा।

यही नहीं वायरल खबर में मुख्य अतिथि के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस विधायक हरजोत कमल, अभिनेता सोनू सूद और उनकी बहन मालविका सूद का भी उल्लेख किया गया था।

हिंदू-सिख समुदाय का विरोध प्रदर्शन

बीते दिन 25 नवंबर को प्रोफेट बजिंदर सिंह द्वारा मोगा में अपनी नई शाखा शुरू होने के मौके पर आयोजित चंगाई सभा को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। जहां विरोध प्रदर्शन के चलते आयोजित चंगाई सभा में आमंत्रित अतिथि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, स्थानीय विधायक व अन्य अतिथि भी उपस्थित न हो सकें।

सभा के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन में सभा आयोजक प्रोफेट बजिंदर सिंह पर झूठे और भ्रामक प्रचार के बहाने लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने जैसे कई आरोप लगाये गए।

वीएचपी द्वारा हिंदू-सिख समुदाय का अभिवादन

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मोगा में आयोजित चंगाई सभा के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन के लिए हिंदू और सिख समुदाय के लोगों का आभार जताते हुए मिशनरियों व धर्मातरण के अड्डे बन रहे चंगाई सभाओं के सहयोगियों को भी चेतावनी दी।

वहीं विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि चंगाई सभा ईसाई मिशनरियों द्वारा धोखा देकर धर्मातरण करने का एक अनैतिक, अवैधानिक व अधार्मिक षडयंत्र है। इसके बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोगा में चंगाई सभा के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रहना स्वीकार करके अपने गरिमा पूर्ण पद की मर्यादा को धूमिल किया।

डॉ. जैन ने केंद्र व राज्य सरकारों से अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए अविलंब कानून बनाने की अपील की हैं।

संदर्भ : फलाना दिकत

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