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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में भक्तों से ठगी, ऑनलाइन बुकिंग ऐप के जरिए एजेंट ऐंठ रहे पैसा : ऐसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश

कोविड-19 महामारी के बीच, स्कैमर्स लोगों की मेहनत की कमाई को लूटने के लिए अलग-अलग तरीके खोज रहे हैं। ऐसे ही एक घोटाले का पर्दाफाश मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में, महाराष्ट्र के डॉक्टर अमित थधानी (Amit Thadhani) ने किया है। एक ट्वीट थ्रेड में, थधानी ने बताया कि कैसे मंदिर के बाहर खड़े घोटालेबाज मंदिर में दर्शन के लिए लोगों से प्रति व्यक्ति 300 रुपए तक चार्ज कर रहे हैं, जो कि मुफ्त में होना चाहिए था।

कैसे हो रहा है घोटाला ?

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने हाल ही में एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसके माध्यम से भक्त दर्शन के लिए बुकिंग कर सकते हैं। इसका उद्देश्य भीड़ को नियंत्रित करना है ताकि कोविड के प्रसार की संभावना को कम किया जा सके। यदि कोई दर्शन करना चाहता है, तो पूर्व ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “सभी सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिरों की तरह, यहाँ ऑनलाइन दर्शन में भी एक घोटाला चल रहा है।”

थधानी ने कहा कि वह कुछ रिश्तेदारों के साथ मंदिर गए थे, जहाँ एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया, जो फूलों की एक दुकान के बाहर खड़ा था। उस व्यक्ति ने उन्हें बताया कि यह दर्शन केवल पूर्व ऑनलाइन बुकिंग से ही संभव है। उसने दावा किया कि वह पैसे लेकर तुरंत उनके लिए ऑनलाइन पास की व्यवस्था कर सकता है।

 

थधानी को पहले तो उस पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने ऐप डाउनलोड किया और एक नई बनाई गई आईडी के साथ लॉग इन किया, तो पता चला कि सभी स्लॉट बुक हो गए हैं। घोटालेबाज ने उनसे कहा कि वह प्रति व्यक्ति 300 रुपए के हिसाब से दर्शन की व्यवस्था कर सकता है। थधानी के साथ दस लोगों का समूह था। उसने आगे कहा कि उनके लिए ‘बुकिंग’ करने के लिए उसे पाँच मोबाइल फोन की आवश्यकता होगी क्योंकि ऐप में प्रति फोन केवल दो लोगों की बुकिंग अनुमति है।

उन्होंने और समूह के अन्य चार लोगों ने उन्हें अपने मोबाइल फोन दिए। तभी स्कैमर, अपनी साइडकिक के साथ, हरकत में आ गया, और कुछ ही मिनटों में उन सभी के लिए बुकिंग कन्फर्म हो गई।

अपनी बात की पुष्टि के लिए उन्होंने अपने डिवाइस में व्यक्ति का लॉग इन रखा और थधानी को इस बात का अंदाजा लग गया कि वे कैसे घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “ये लोग विभिन्न फर्जी आईडी के जरिए सभी उपलब्ध स्लॉट को पहले ही ब्लॉक कर देते हैं। इसलिए सच्चे भक्तों के लिए कोई स्लॉट उपलब्ध नहीं है।”

उन्होंने अपने ट्वीट थ्रेड में फेक एकाउंट के स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए कहा, “यह वह फेक एकाउंट है जिनके माध्यम से उपलब्ध बुकिंग स्लॉट को ब्लॉक किया गया था (जाहिर है उस व्यक्ति का नाम वास्तव में सिद्धिविनायक नहीं है)। तो याद रखना दोस्तों, अगर आपको सिद्धिविनायक के दर्शन के लिए जगह नहीं मिल रही है, तो संभावना है कि मंदिर के बाहर के स्थानीय दलालों ने पहले ही उन सभी को ब्लॉक कर दिया है।”

संदर्भ : ऑपइंडिया

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