कट्टरता की खूंटी पर टंगे पाकिस्तान से आया यह समाचार दिल दहला देनेवाला, बेहद शर्मनाक और दुनिया की फिक्र बढ़ाने वाला है। इस चित्र में दिख रही आग उस व्यक्ति के झुलसने का साक्षात प्रमाण है, जिसका दुश्मन आतंकिस्तान है और उसका रहनुमा पाकिस्तान है। पाकिस्तान के सियालकोट की यह घटना आपको विचलित कर सकती हैं। इस वीडियो का एक-एक फ्रेम आपके आक्रोश को भडका सकता है, क्योंकि उन्मादी भीड़ से आती आवाज पाकिस्तान के आतंक का नया सबूत दे रही है। हिंसा की ये तस्वीरें आतंकिस्तान को बेनकाब कर रही हैं।
सियालकोट के वजीराबाद रोड पर पाकिस्तानियों ने हैवानियत का नंगा नाच किया। मल्टीनेशनल फैक्ट्री के एक मैनेजर को जिंदा जला दिया। तस्वीरें बयां कर रही हैं कि श्रीलंकाई एक्सपोर्ट मैनेजर को पहले फैक्ट्री से खींचकर बाहर निकाला। उसकी गाड़ी पलटा दी और फिर भीड़ ने उसे बेरहमी से लाठी डंडों से मारा। मार-मारकर अधमरा कर दिया और फिर बीच सड़क पर उसे जिंदा जला दिया। सियालकोट के वजीराबाद रोड इलाके में एक मल्टीनेशनल कंपनी की फैक्ट्री है। इसी कंपनी में श्रीलंका के प्रियांथा कुमारा एक्सपोर्ट मैनेजर थे। बताया जाता है कि फैक्ट्री के मजदूरों ने ही उनको मारा-पीटा और फिर जिंदा जला दिया।
Jihadi mob kills Sri Lankan manager in Pakistan over 'alleged' blasphemy !
Why are those, crying 'intolerance in India' now silent on the atrocities against minorities in Pakistan ?@UNHumanRights Shouldn't the lives of minorities in Pakistan matter? https://t.co/2Dtlz4ffGL
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) December 3, 2021
The GM of Rajko Industries in Sialkot, who was a Sri Lankan, was killed and set on fire by the people of the factory. The G.M allegedly tore the poster of Holy Prophet (PBUH) and threw it in the trash.
May allah enlightened us the path of Hidayat ?#Sialkot #Rajkoindustries pic.twitter.com/EKIUTWJvIC— BALTISTAN TIMES (@baltistant) December 3, 2021
मूकदर्शक बनी रही पुलिस
हैरानी की बात ये कि वहां खड़ी पुलिस मूकदर्शक बनी रही। आम पाकिस्तानी भी हिंसा का विरोध करने की बजाए वीडियो बनाते रहे। सियालकोट के पत्थरदिल लोगों के सामने एक श्रीलंकाई ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। पाकिस्तान में हुई दिल दहला देनेवाली घटना के ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो पाकिस्तान का एक और चेहरे से नकाब उतरा, क्योंकि हिंसा के दौरान वहां नारेबाजी भी हुई। इस नारेबाजी को ध्यान से सुनें तो कट्टरता भी बेनकाब होती है।
पाकिस्तान के कट्टर संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने घटना को दिया अंजाम
लब्बैक लब्बैक की नारेबाजी बता रही है कि इस अमानवीय घटना को पाकिस्तान के कट्टर संगठन तहरीक-ए-लब्बैक यानी TLP ने अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि ईशनिंदा के आरोप में श्रीलंकाई मैनेजर को जिंदा जलाया है। यहां आपको ये भी बता दें कि TLP सिर्फ कट्टर मौलानाओं और उनके शागिर्दों का ही संगठन नहीं है बल्कि पिछले महीने तक ये एक आतंकी संगठन हुआ करता था, लेकिन TLP ने पाकिस्तान के शहरों में हिंसा शुरू कर दी और और आखिरकार इमरान खान की सरकार ने इसके ऊपर से प्रतिबंध हटा दिए। बहरहाल, सियालकोट में श्रीलंकाई मैनेजर को जिंदा जलाने के बाद कट्टर संगठन का नाम एक बार फिर चर्चा में हैं।
इस क्रूर घटना की दुनियाभर में हो रही निंदा
दुनियाभर में पाकिस्तान की इस क्रूर घटना की निंदा हो रही है। आतंक को पालने पोसने वाला पाकिस्तान फिर बेनकाब हो रहा है। तो देखा आपने पाकिस्तान में इंसानी जान की क्या कीमत है? एक विदेशी नागरिक वहां नौकरी करने गया था लेकिन बदले में उसे मौत मिली।।और वो भी जिंदा जलाकर। आपको बता दें बता दें कि श्रीलंकाई नागरिक प्रियांथा कुमारा साल 2010 से पाकिस्तान में रह रहे थे। सियालकोट की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर थे। ये कंपनी तीन हजार से ज्यादा पाकिस्तानियों को रोजगार देती है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी कंपनी की फैक्ट्री के कर्मचारियों का विरोध लंबे समय से चल रहा था और बड़ी संख्या में आसपास के इलाके के लोग भी विरोध में शामिल हो गए थे। कहा जा रहा है कि फैक्ट्री में सुबह से ही अफवाहें चल रही थीं कि प्रियांथा कुमारा ने ईशनिंदा की है। यहां सवाल उठता है कि ये ईशनिंदा क्या है और पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून क्या है, जिसके कारण पाकिस्तानी भीड़ हैवान बन गई। दरअसल पाकिस्तान को ईशनिंदा कानून ब्रिटिश शासन से विरासत में मिला है।
जिया-उल-हक के शासनकाल में इसे और क्रूर कानून बनाया गया
जिया-उल-हक के शासनकाल में इसे और क्रूर कानून बनाया गया। पाकिस्तान पीनल कोड में सेक्शन 295-बी और 295-सी जोड़कर ईशनिंदा कानून बनाया गया। ईशनिंदा कानून के तहत कोई भी शख्स अगर इस्लाम या पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बोलेगा तो उसे मौत की सजा दी जाएगी। अगर मौत की सजा नहीं भी दी जाती है तो पूरी जिंदगी जेल में ही गुजरेगी। यूं तो अब तक ईशनिंदा कानून की तरह अदालती फैसलों में गिने-चुने लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन कट्टरवादी संगठन इसकी सजा देते रहे हैं।
2009 में पाकिस्तान के पंजाब के गोजरा गांव में 40 घरों और एक गिरजाघर में आग लगा दी गई थी। कुरान के अपनाम के इल्जाम में 7 ईसाइयों को जला कर मार दिया गया था। 2010 में भी दो ईसाई भाइयों को फैसलाबाद शहर में मार दिया गया, क्योंकि उनपर आरोप थे कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक पत्र लिखे थे। इसी साल लाहौर में ईश निंदा से बरी युवक की पुलिसकर्मी ने हत्या कर दी थी और अब ईशनिंदा के नाम पर श्रीलंकाई नागरिक की हत्या सियालकोट में हुई है, जिसको लेकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने भी ये बात कबूली है कि ये दिल दहला देने वाली घटना है, उन्होंने इस पर रिपोर्ट भी तलब की है।
स्त्रोत : टीवी ९