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भारतमाता को बचाने के लिए हिन्दुओं को संगठित होना आवश्यक – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी, सनातन संस्था

गेवराई (जनपद बीड) में धर्मप्रेमियों और व्यापारियों के लिए आयोजित बैठक का उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर

सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी

गेवराई (जनपद बीड) : सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने यह आवाहन करते हुए कहा कि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के लिए हमें स्वयं में ब्राह्मजेत और क्षात्रतेज उत्पन्न करना आवश्यक है । आज के समय में विश्‍वस्तर पर हिन्दुत्व को मिटाने का षड्यंत्र चल रहा है, तो दूसरी ओर पश्‍चिमी देश भारतीय संस्कृति अपना रहे हैं । छत्रपति शिवाजी महाराज को अपेक्षित हिन्दवी स्वराज्य के समान हिन्दू राष्ट्र की पुनः स्थापना होना, तो समय की मांग है । भारतमाता को बचाना हो, तो हिन्दुओं को संगठित होना आवश्यक है । यहां के गजानन मंगल कार्यालय में हाल ही में संपन्न धर्मप्रेमियों और व्यापारियों के लिए आयोजित बैठक में मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रही थीं । इस बैठक में सनातन की संत पू. (कु.) दीपाली मतकरजी की भी वंदनीय उपस्थिति थी । इस बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति के ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्री. राजन बुणगे, सनातन संस्था की ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्रीमती उल्का जठार, श्रीमती सुनीता पंचाक्षरी, श्री. मंगेश बारस्कर आदि उपस्थित थे । यहां के व्यापारीगण अपने कार्य में अत्यंत व्यस्त होते हुए भी इस मार्गदर्शन के लिए उपस्थित थे ।

विशेष

१. गजानन मंगल कार्यालय के मालिक श्री. बाळासाहेब मोटे ने सनातन संस्था के कार्यक्रमों के लिए अपना मंगल कार्यालय सदैव उपलब्ध कराने की सिद्धता दर्शाई ।

२. इस बैठक की सफलता के लिए गेवराई के धर्मप्रेमी सर्वश्री श्याम गायकवाड, केशव पंडीत एवं बाळासाहेब मोटे ने बहुत परिश्रम उठाए ।

अनुभूतियां

१. धर्मप्रेमी श्री. बाळासाहेब मोटे के खेत में स्थित श्री हनुमान मंदिर में पू. (कु.) दीपाली मतकर ने सभी से सामूहिक प्रार्थना करवा ली, तब वातावरण में चैतन्य प्रतीत हुआ और श्री. मोटे को पू. दीपालीदीदीजी के स्थान पर देवी के दर्शन हुए ।

२. श्री. श्याम गायकवाड ने बताया, ‘सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने जब कहा कि यदि गेवराई के सभी लोगों ने साधना आरंभ की, तो सबसे पहले गेवराई में ही हिन्दू राष्ट्र आएगा, तब उसी क्षण मेरे शरीर पर रोमांच आ गए ।’

क्षणिकाएं

१. मार्गदर्शन सुनने के उपरांत उपस्थित धर्मप्रेमियों ने युवावर्ग के लिए स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग, महिलाओं एवं पुरुषों के लिए धर्मशिक्षावर्ग और बालसंस्कारवर्ग आदि वर्ग चलाने की मांग की ।

२. बैठक में उपस्थिति धर्मप्रेमी श्री. श्याम गायकवाड ने कहा कि इससे पूर्व मैने बहुत सामाजिक कार्य किया है; परंतु इसके आगे मैं केवल सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के लिए ही संपूर्ण जीवन समर्पित करनेवाला हूं ।

परिवार की प्रत्येक महिला को धर्मशिक्षा एवं स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना आवश्यक ! – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी

परिवार की प्रत्येक महिला धर्मशिक्षित हुई, तो वह राजमाता जिजाबाई और रणरागिनी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की भांति देश और परिवार की रक्षा करेगी । उसके लिए महिलाओं को धर्माचरणसहित स्वरक्षा प्रशिक्षण लेने का प्रयास करना होगा ।

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