उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोडकर आज से हिन्दू बन गए हैं। आज गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में उनकी वापसी करवाई। वसीम रिजवी ने कहा कि, मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। धर्म बदलने के बाद उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है। जूना अखाडे के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया और इसके बाद रिजवी का नया नामकरण हुआ।
वसीम रिजवी ने इस मौके पर कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन-सा धर्म स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं हैं। इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते। हर जुमे को नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, हमको खुद शर्म आती है।”
महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि वसीम रिजवी 5 नवंबर को मंदिर में आए थे। उसी दिन उन्होंने कह दिया था कि मृत्यु के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए। इसके लिए उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि को अधिकृत भी कर दिया था। बाकायदा उस दिन वसीम रिजवी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करके भी गए थे।
स्त्रोत : आज तक