पुणे एवं चिंचवड में चल रहे धर्मशिक्षावर्ग के धर्मप्रेमियों ने स्वरक्षा प्रशिक्षक्षवर्ग के माध्यम से सक्षम बनने का किया निश्चय !
पुणे : हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. श्रेयस पिसोळकर ने यह आवाहन करते हुए प्रतिपादित किया कि भारत को शौर्यशाली इतिहास की परंपरा प्राप्त है; किंतु हमें इतिहास से प्रेरणा लेकर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए, यह सिखाए न जाने के कारण हमें उसका विस्मरण हुआ है । अहिंसा के नाम पर समस्त हिन्दू समाज में विद्यमान शौर्य का दमन हो रहा है । हिन्दू समाज अन्याय का प्रतिकार करना और दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध लडना भूल गया है । इसलिए अन्याय और अत्याचार का सामना करने हेतु हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर सक्षम होने की आवश्यकता है । हिन्दू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रोकने और हिन्दू भाईयों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने हेतु हिन्दुओं को एकत्रित होकर स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना आवश्यक है । हिन्दुओं को इस माध्यम से राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु तैयार रहना चाहिए । पुणे एवं चिंचवड में चल रहे धर्मशिक्षावर्ग के धर्मप्रेमियों के लिए ऑनलाइन पद्धति से शौर्यजागृति व्याख्यान का आयोजन किया गया था, उसमें श्री. पिसोळकर ऐसा बोल रहे थे । पुणे एवं चिंचवड के अनेक धर्मप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया । इसमें शौर्य का जागरण करनेवाले स्वरक्षा के प्रदर्शनों का वीडियो दिखाया गया । कु. प्राची शिंत्रे ने व्याख्यान का उद्देश्य बताया, तो धर्मप्रेमी कु. मानसी दहिवडकर ने सूत्रसंचालन किया ।
धर्मप्रेमियों के अभिप्राय
१. श्रीमती सुषमा नरावडे : प्रशिक्षण का भाग अच्छा बताया गया । मेरा प्रशिक्षण चल रहा है तथा प्रत्येक हिन्दू को यह प्रशिक्षण लेना चाहिए, ऐसा मन से लगता है ।
२. श्री. हिम्मत पाटिल : सभी को अपने अभिभावकों को भी यह प्रशिक्षण सिखाना चाहिए ।
विशेषतापूर्ण
१. इस शौर्यजागृति व्याख्यान का लाभ अपने संपर्कवाले अधिकाधिक हिन्दुओं को मिले; इसके लिए धर्मशिक्षावर्ग के धर्मप्रेमियों ने लालसा के साथ प्रयास किए ।
२. धर्मशिक्षावर्ग में आनेवाली धर्मप्रेमी कु. मानसी दहिवडकर ने व्याख्यान के सूत्रसंचालन की सेवा प्रभावशाली पद्धति से की ।
३. व्याख्यान में धर्मप्रेमियों का उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर था । वक्ताओं के मार्गदर्शन और स्वरक्षा प्रदर्शन होने के उपरांत धर्मप्रेमियों ने उत्स्फूर्तता से घोषणाएं कीं ।