CAG द्वारा राज्य सरकार की खिंचाई
छह मंदिरों की 4,500 एकड से अधिक भूमि पर हुआ कब्जा
इस संबंध में गहन जांच कर संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए । साथ ही अब हिन्दुओं ने संगठित होकर मंदिर सरकारीकरण का विरोध कर मंदिरों को भक्तों के हाथों सौंपने की मांग करनी चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने मार्च 2020 के समाप्त हुए वर्ष के लिए सामान्य और सामाजिक क्षेत्र पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि, ओडिशा में छह मंदिरों की 4,500 एकड से अधिक भूमि पर अतिक्रमण है। कैग ने राज्य के 13 मंदिरों के अभिलेखों का लेखा-जोखा किया और पाया कि इन मंदिरों की कुल 12,767.679 एकड भूमि में से केवल 5,749.464 एकड (45.03 प्रतिशत) उनके कब्जे में थी और 35.28 प्रतिशत भूमि अतिक्रमण के तहत थी।
35% land of 13 major temples in #Odisha remains encroached: CAG@NewIndianXpress @Siba_TNIE pic.twitter.com/BTn2vCFwhN
— TNIE Odisha (@XpressOdisha) December 12, 2021
रिपोर्ट के अनुसार देबत्तर ढेंकनाल की सबसे ज्यादा 4,030.78 एकड जमीन पर कब्जा है। इसी तरह जगन्नाथ बल्लव मठ की 296.664 एकड, ठाकुर महल की 139.330 एकड, श्री लिंगराज मंदिर की 36.370 एकड, मां मंगला मंदिर की 0.070 एकड और मां समलेश्वरी मंदिर की 0.657 एकड जमीन पर कब्जा है।
35 per cent land of 13 major temples in Odisha encroached
CAG report said that of the total 12,767.679 acre of land of these temples, only 5,749.464 acre (45.03 per cent) were under their possession while 35.28 per cent of the land was under encroachment.#FreeHinduTemples pic.twitter.com/14bAf90GCz
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) December 12, 2021
शेष सात ऑडिट किए गए मंदिरों में, चार मामलों में किसी भी भूमि पर अतिक्रमण नहीं पाया गया है, जबकि तीन अन्य धार्मिक संस्थानों (आरआई) के पास डेटा नहीं है। कैग ने कहा कि, जबकि केवल चार आरआई के पास उनकी सभी भूमि संपत्तियों का कब्जा था, दो आरआई (मां मंगला और मां सरला मंदिर) को जमीन की संपत्ति के कब्जे की सीमा के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। इसमें बताया गया, आगे, तीन क्षेत्रीय संस्थाओं के संबंध में भू-संपत्ति के अतिक्रमण की सीमा का भी पता नहीं था। इसलिए, 7,018.215 एकड भूमि संबंधित सात क्षेत्रीय संस्थाओं के कब्जे में नहीं थी।इसके अलावा, हालांकि श्री लिंगराज मंदिर के पास राज्य भर में जमीन-जायदाद की संपत्ति है, यह केवल भुवनेश्वर शहर से संबंधित कब्जे और अतिक्रमण के बारे में जानता था। अन्य स्थानों पर भूमि के स्वामित्व और अतिक्रमण की जानकारी मंदिर प्रशासन को नहीं थी। कार्यकारी अधिकारी, श्री लिंगराज मंदिर ने लेखापरीक्षा को सूचित किया कि, भुवनेश्वर में 69.423 एकड भूमि में से 36.370 एकड भूमि पर कब्जा है।
गायब हुए अलंकार
11 मंदिरों के गहनों का निरीक्षण किया गया जिसमें पांच मंदिरों से 823.334 ग्राम सोना तथा 53,595.84 ग्राम चांदी गायब मिली ।
साथ ही, कटक चंडी मंदिर से 579.69 ग्राम सोना और 52.182 किलोग्राम चांदी गायब मिली ।
स्त्रोत : समाचारनामा