13 आखाडों के महामंडलेश्वर की उपस्थिति में फहराया गया 108 फीट ऊंचा भगवा झंडा
कवर्धा : कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर 108 फीट ऊंचे खंभे पर भगवा ध्वज लहराया गया। ध्वजारोहण के बाद कवर्धा के पीजी कॉलेज में एक धर्म सभा का भी आयोजन किया गया। जिसमें देश भर से आए साधु संतों ने सभा को संबोधित किया। बता दें कि, कवर्धा में श्री शंकराचार्य जनकल्याण न्यास के द्वारा कवर्धा के सहसपुर लोहारा नाका चौक में आज 108 फीट ऊंचे स्तंभ पर भगवा ध्वजारोहण का कार्यक्रम रखा गया था। इस आयोजन में शामिल होने 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर संत महात्मा और शंकराचार्य के प्रतिनिधि गण दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी कवर्धा पहुंचे हुए थे ।
A few months ago, they removed one Bhagwa flag from a pole and rioted against the Hindus in Kawardha, #Chhattisgarh.
Yesterday the Hindus of Kawardha took out a huge procession and installed a 108 feet Bhagwa flag in the centre of the city. #Kawardha shows ultimate Hindu unity! pic.twitter.com/8j3rzxGokD— Shubhendu (@BBTheorist) December 11, 2021
राम मंदिर से निकला कलश
ध्वजारोहण के लिए स्थानीय राम मंदिर से कलश व शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें सभी साधु संत और शहरवासी भारी संख्या में शामिल हुए। शोभा यात्रा कलश यात्रा मंदिर से निकलकर लोहारा नाका चौक पहुंची। जहां स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व अन्य संतों की उपस्थिति में विधिवत पूजा के पश्चात 108 फीट ऊंचे स्तंभ पर विशाल भगवा ध्वज लहराया गया। इस मौके पर शहर व अन्य स्थानों से पहुंचे भीड़ पहुंची हुई थी। जो इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंचे हुए थे।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद ने भगवा ध्वज का महत्व लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि, भगवान का ध्वज है, उसे ही भगवा ध्वज कहा जाता है। भगवान को निमित करके चढ़ाया गया हर झंडा चाहे वह कोई भी रंग का हो भगवाध्वज है। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन प्रदेश सरकार व मंत्री-विधायक को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि साधु-संतों के साथ भी छल किया गया। स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद ने कहा कि घटना के बाद दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें बचाया गया और निर्दोषों को जेल में डाला गया।
बता दें कि, ३ अक्टूबर को कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर झंडा हटाने और लगाने को लेकर धर्मांधों ने हिन्दुओं पर आक्रमण किया था ।इस घटना के बाद ५ अक्टूबर को पूरे कवर्धा में हिंसक झडप भी हुई । साथ ही धर्मांधों ने भगवा ध्वज उखाड कर निकाल दिया था । फिर कवर्धा में कई दिनों तक कर्फ्यू भी लगाया गया था ।
स्त्रोत : जी न्यूज