महाड की सावित्री नदी पर बांधा गया पुल गिरने से हुई दुर्घटना में 40 लोगों की मृत्यु हुई थी । उसी प्रकार राजापुर तहसील के समुद्री महामार्ग के निकट बांधा गया ‘दांडे-अणसुरे’ पुल भी यातायात के लिए अत्यधिक संकटदायक स्थिति में है । इसलिए प्रशासन ने इस पुल से ‘एसटी’ बस का यातायात बंद किया है; परंतु इस पुल पर से निजी बसों का यातायात आरंभ है । यह जनता के प्राणों से खेलने का अक्षम्य प्रकार है । निजी वाहनों से यात्रा करनेवाले नागरिकों की मृत्यु होने पर उसका उत्तरदायित्व प्रशासन स्वयं लेगा क्या ? इस प्रकरण की गंभीरता की ओर प्रशासन ध्यान दें । सावित्री नदी पुल जैसी दुर्घटना टालनी हो, तो ‘दांडे-अणसुरे’ पुल की तत्काल दुरुस्ती करें और नागरिकों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएं, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के रत्नागिरी स्थित श्री. संजय जोशी ने रत्नागिरी की पत्रकार परिषद में की है । इस मांग का निवेदन हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ अंतर्गत रत्नागिरी के जिलाधिकारी तथा जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण, रत्नागिरी को दिया गया है, ऐसी जानकारी भी श्री. जोशी ने इस समय पत्रकार परिषद में दी । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विनोद गादीकर भी उपस्थित थे ।
दांडे-अणसुरे पुल से जुडे रास्ते का कुछ भाग धंस गया है । रास्ते और पुल को जोडनेवाले खंबे (पिलर) में दरारें पडी हैं । पुल के ‘जॉईंट’ भी कुछ स्थानों से निकाल गए है तथा उनके स्टील में भी जंग लग गई है । इस पुल पर दीयों की व्यवस्था, साथ ही पुल पर गतिरोधक होने का फलक नहीं लगाया गया है । इस पुल से जुडे रास्तों का निर्माणकार्य लगभग 4 वर्ष पहले से रूका हुआ है । पुल की संकटजनक स्थिति के कारण महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन विभाग ने इस पुल पर ‘एसटी’ बसों का यातायात बंद किया है; परंतु वर्तमानस्थिति में निजी बस यातायात खुलेआम आरंभ है । वास्तव में इस पुल को यातायात के लिए पूर्णतः बंद करना चाहिए ।
सावित्री नदी पुल की दुर्घटना की जांच के अंत में महाराष्ट्र शासन द्वारा नियुक्त की गई समिति ने जो ब्योरा प्रस्तुत किया । उसमें की गई सूचना इस राजापुर स्थित पुल के लिए भी लागू होती है । इसलिए सावित्री नदी की दुर्घटना की पुनरावृत्ती राजापुर तहसील के पुल के संदर्भ में न हो, इसलिए इस ओर प्रशासन का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं, ऐसा भी जोशी ने इस समय बताया ।