उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले की एक न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जिसमें न्यायालय से श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में नमाज पढने पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। न्यायालय में यह याचिका श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति की तरफ से दायर की गई है।
यूपी कोर्ट में हिंदू संगठन ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद में नमाज पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर की #ShahiIdgahMosque #UttarPradeshCourt #Mathura https://t.co/soRisz4nkO
— लाइव लॉ हिंदी (@LivelawH) December 17, 2021
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने इस याचिका के जरिए कहा है कि ईदगाह में कभी नमाज नहीं पढ़ी जाती थी। इसमें कहा गया है, ”यह हिंदू पक्ष की संपत्ति है और ईदगाह परिसर में कभी नमाज अदा नहीं की गई, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दूसरे पक्ष द्वारा जानबूझकर पांच बार नमाज अदा की जा रही है, जो कानूनी रूप से अस्वीकार्य है।”
साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है, ”पवित्र कुरान के अनुसार भी विवादित जमीन पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। दूसरा पक्ष जानबूझकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है और यहां तक कि वे लोग सड़कों पर भी नमाज पढ़ रहे हैं।”
इस याचिका में यह भी तर्क दिया गया है, ”औरंगजेब ने 1669 में श्रीकृष्ण मंदिर को ध्वस्त करके विवादित स्थल पर मस्जिद का निर्माण कराया था और मस्जिद की दीवारों पर अभी भी हिंदूओं के धार्मिक प्रतीक मौजूद हैं।” पिछले साल, मथुरा में भगवान श्री कृष्ण विराजमान की ओर से सिविल जज, सीनियर डिवीजन के समक्ष एक मुकदमा दायर किया गया था।
एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य वादियों के माध्यम से दायर मुकदमे में मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर परिसर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने का अनुरोध किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया कि मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति ने बिना किसी कानूनी अधिकार के और न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए कुछ मुसलमानों की मदद से एक सुपर स्ट्रक्चर बनाया और श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट और देवता से संबंधित कटरा केशव देव की भूमि पर कब्जा कर लिया।
दीवानी न्यायालय ने सितंबर 2020 में यह मुकदमा खारिज कर दिया जिसके बाद जिला न्यायालय में अपील दायर की गई। इस अपील को जिला जज, मथुरा ने अक्टूबर 2020 में स्वीकार कर लिया था।
स्त्रोत : जनसत्ता