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केरल : भाजपा कार्यकर्ता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के दोषी PFI के 15 सदस्यों को फांसी की सजा

Update

अलप्पुझा (केरल)- केरल की एक अदालत ने तटीय जिले अलप्पुझा में दिसंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा के नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में 15 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। मालूम हो कि दोषी ठहराये गए लोगों का संबंध प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक समूह ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) से है।

परिवार ने फैसले का किया स्वागत

मावेलिककरा की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी.जी.श्रीदेवी ने सभी 15 आरोपियों को हत्या का दोषी पाया और 22 जनवरी को सजा सुनाने का फैसला किया था। हालांकि, आज मावेलिककरा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश वी.जी.श्रीदेवी ने मामले पर दोषियों को सजा सुनाई है। इस फैसले से परिवार काफी खुश है और उनका मानना है कि उन्हें न्याय मिल गया है।

 पत्नी, बच्चे और मां के सामने की थी हत्या

अभियोजन पक्ष ने दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा था कि वे प्रशिक्षित हत्यारा दस्ता थे। इन लोगों ने क्रूर और शैतानी तरीके से पीड़ित को उसकी मां, बच्चे और पत्नी के सामने मार दिया गया था, जिसके बाद परिवार ने न्याय की मांग करते हुए कठोर से कठोर सजा की मांग की थी।


22 जनवरी

केरल : भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या मामले में न्यायालय ने 15 कट्टरपंथियों को पाया दोषी

मृतक रंजीत श्रीनिवास

केरल की एक स्थानीय अदालत ने दिसम्बर 2021 में एक बड़े भाजपा नेता की हत्या के मामले में 15 आरोपितों को दोषी ठहराया है। प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI से जुड़े इन दोषियों को भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवास की हत्या के मामले में 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सजा सुनाई जाएगी।

रंजीत श्रीनिवास को 19 दिसम्बर 2021 को उनके घर में घुसकर परिजनों के सामने हत्या कर दी गई थी। इस मामले में केरल के अलप्पुझा जिले की मवेलीकारा कोर्ट ने नईसम, मोहम्मद असलम, अनूप, अजमल, अब्दुल कलाम उर्फ़ सलाम, अब्दुल कलाम, सफरुद्दीन, मनषद, जसीब राजा, नवास, समीर, नज़ीर, जाकिर हुसैन, शाजी और शेरनस अशरफ को हत्या का दोषी पाया है।

ये सभी अलप्पुझा के ही रहने वाले हैं और प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI से जुड़े हुए हैं। इन दोषियों में शुरुआती 8 को रंजीत की हत्या में सीधे तौर पर दोषी माना गया है। इन पर कोर्ट ने धारा 302 समेत चार और धाराएँ लगाई हैं।

दोषी नम्बर 9 से 12 को लेकर यह तथ्य सामने आया है कि बाकी जब 8 आरोपित रंजीत की हत्या कर रहे थे, तब ये दोषी उनके घर के बाहर खतरनाक हथियारों के साथ पहरा दे रहे थे। इसके अलावा 13वें, 14वें और 15वें दोषी को इस हत्या की साजिश रचने और हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है।

कोर्ट के सामने इस मामले में पुलिस ने आरोपित अनूप के फ़ोन से बरामद एक हिटलिस्ट रखी थी। इस केस में यह बहुत बड़ा सबूत बना। इस हिटलिस्ट में रंजीत श्रीनिवास समेत 150 से अधिक लोगों के नाम थे। इनमें भाजपा और हिंदू संगठनों के कई नेताओं के नाम भी शामिल थे। कोर्ट के इस फैसले पर भाजपा ने खुशी जताई है।

रंजीत को हथौड़े से मारा, पैर अलग कर दिए, चेहरा बिगाड़ा कर की हत्या
भाजपा नेता के भाई अभिजीत ने बताया था, “भाई को कोच्चि में ओबीसी मोर्चा की समिति की पहली बैठक में शामिल होना था। हमारे परिवार के लिए यह दिन पवित्र था। दोनों भाई रविवार सुबह बेटी भाग्या को ट्यूशन छोड़कर घर लौटे, तब तक सब ठीक था। रंजीत के पास कोई वजह नहीं थी कि वो तंग हों। मगर SDPI नेता शान की कथित हत्या के बाद गैंग ने बदला लेने के लिए नेता की तलाश शुरू की।”

अभिजीत ने बताया था कि उनके भाई के सिर में हथौड़े से वार हुआ और बीवी, माँ और छोटी बेटी के सामने उनका चेहरा कूच दिया गया। छोटी बेटी जब भागकर बचाने आगे आई तो गैंग ने उसके सामने तलवार निकाल ली। माँ को जमीन में गिराकर उन्हें कुर्सी से दबा दिया गया। उन्होंने बताया कि गुंडों ने उनके भाई रंजीत के पहले पैर काट दिए, ताकि वो भाग न सकें। इसके बाद उनकी बाइक तोड़ी गई। उनसे उनकी धोती ले ली गई।

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के कुछ देर पहले ही रंजीत की 71 वर्षीय माँ विनोदिनी अपने बेटे के लिए पूजा करके मंदिर से घर लौटी थीं। विनोदिनी ने बताया था, “घर की सीढ़ियाँ चढ़ते समय मुझे कुछ आवाज सुनाई दी। मुझे लगा कि कोई जबरदस्ती घर का दरवाजा खोलकर अंदर आ रहा है। उनके पास तलवारें थीं, हथौड़े थे। उन्होंने धक्का देकर दरवाजा खोला और घर में रखे टेबल का शीशा हथौड़े से तोड़ दिया। रंजीत आवाज सुनकर जैसे ही बाहर आया। उन्होंने उसके सिर पर हथौड़ा मार दिया।”

रंजीत की माँ के ऊपर भी हमला हुआ। उन्होंने बताया, “उपद्रवियों ने उसकी धोती उतारकर उसे मारा और जब मैं उनके पास रोते-रोते गई तो उन्होंने मुझे भी धक्का देकर नीचे गिरा दिया। उसकी बीवी लीशा आई तो उसे भी नीचे गिरा दिया। जब हृदया (रंजीत की छोटी बेटी) रोते आई तो उन लोगों ने तलवार निकाल ली। उन लोगों ने मेरी गर्दन पर भी तलवार रखकर मुझे डराया। इतनी सी देर में इन लोगों ने मेरे बेटे को बहुत बर्बरता से मार दिया।”

दरअसल, केरल में भाजपा नेता की हत्या से पूर्व अलाप्पुझा जिले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश सचिव केएस शान की मृत्यु हो गई थी। बताया गया था कि 18 दिसंबर 2021 की शाम सात बजे के करीब शान बाइक से अपने घर जा रहा था, तभी मन्नानचेरी के पास एक तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी थी। इससे शान गंभीर रूप से घायल हो गया था और बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

स्रोत: ऑप इंडिया


3 जनवरी 2021

केरल : भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या मामले में ३ और SDPI कार्यकर्ता गिरफ्तार

पुन: एक बार एसडीपीआइ का खूनी चेहरा सामने आया है । और कितने हिन्दुओं की हत्याओं के बाद सरकार इस संगठन पर प्रतिबंध लगाएगी ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

अलप्पुझा – केरल में भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चा नेता की हत्या के मामले की जांच और तेज करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय सखारे के नेतृत्व वाली विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले के तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये लोगों में से दो व्यक्ति कथित तौर पर ओबीसी मोर्चा के नेता रंजीत श्रीनिवास की हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे, जबकि एक व्यक्ति को हमलावरों के गिरोह को रसद सहायता प्रदान करने के लिए गिरफ्तार किया गया है । पुलिस ने बताया कि ज्यादातर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ता हैं जो इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है।

पुलिस ने बताया कि इस गिरफ्तारी के साथ ही श्रीनिवस हत्या मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 14 हो गयी है । उन्होंने बताया कि इनमें से छह सीधे तौर पर हत्या में शामिल थे ।

उन्होंने बताया कि अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी धर पकड़ के लिये अभियान चला रही है । सखारे ने बताया, ‘श्रीनिवास हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों की हमने पहचान कर ली है । हमन उनका पता लगा रहे हैं और सबको जल्दी ही पकड लिया जायेगा ।’

स्रोत : आइबीसी २४


 

२२ दिसंबर

केरल : भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या मामले में SDPI के 5 कार्यकर्ता गिरफ्तार

केरल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ओबीसी मोर्चा की प्रदेश इकाई के सचिव रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। अलप्पुझा जिले में 19 दिसंबर को श्रीनिवासन की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच पुलिस की विशेष जांच दल (SIT) कर रहा है।

रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के कुछ घंटे पहले ही SDPI के प्रदेश सचिव केएस शान पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार, शान की मौत के कुछ घंटों बाद रविवार सुबह कुछ हमलावरों ने रंजीत श्रीनिवासन के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने संदेह जताई थी कि शान की हत्या का बदला लेने के लिए श्रीनिवासन पर घातक हमला किया गया। शान की हत्या के मामले में भी दो आरएसएस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।

स्त्रोत : इंडियान एक्सप्रेस


केरल : भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की गला रेतकर हत्या, अलप्पुझा जिले में धारा 144 लागू

केरल के अलप्पुझा जिल में 12 घंटे के अंदर-अंदर दो पार्टी के नेताओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इनमें एक सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता जबकि दूसरे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता थे। इन घटनाओं के बाद रविवार को पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी। इस बीच, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को मांग की कि केरल सरकार अलाप्पुझा जिले में हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता की हत्या के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

बताया जा रहा है कि श्रीनिवास सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए तैयार हो रहे थे। इसी दौरान हमलावरों ने उनके घर में घुसकर उनकी बेरहमी से पिटाई के बाद गला रेतकर हत्या कर दी। सूत्रों ने बताया कि श्रीनिवास की मौके पर ही मौत हो गई थी।

रंजीत 2016 के विधानसभा चुनाव में अलाप्पुझा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार थे। वह पेशे से वकील थे। जानकारी के मुताबिक, अलाप्पुझा जिले में आज तड़के बीजेपी नेताओं के ही एक समूह ने उनके घर में घुसकर इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। आज सुबह कुछ लोगों का एक समूह 40 वर्षीय श्रीनिवास के घर पहुंचा था। जिसके बाद इन लोगों ने दरवाजा खटखटाया। जैसे ही श्रीनिवास ने दरवाजा खोला, तैसे ही घात लगाए बैठे आरोपियों ने रंजीत श्रीनिवास की गला रेत कर और पीटकर हत्या कर दी।

वी. मुरलीधरन ने कहा कि बीजेपी ओबीसी मोर्चा के नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के पीछे एक इस्लामिक आतंकवादी समूह का हाथ है। कुछ हफ्ते पहले पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता की हत्या का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वे (केरल सरकार) इस्लामी आतंकवादियों के साथ नरम रुख अपना रहे हैं, जिससे आतंकियों को और ज्यादा हिंसा करने का प्रोत्साहन मिला है।’

दरअसल श्रीनिवासन की हत्या से ठीक बारह घंटे पहले, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राज्य सचिव शान केएस अलाप्पुझा के मन्नाचेरी इलाके में घर लौटते समय मारे गए थे। दो नेताओं की हत्या के बाद प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा-144 के तहत इलाके में प्रतिबंध लगा दिया है।

स्त्रोत : टीवी ९

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