- १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक आंध्रप्रदेश का मल्लिकार्जुन मंदिर का प्रकरण
- आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय का आदेश रहित
- अन्य धर्मियों की दुकानों में हिन्दू खरीदी करेंगे, ऐसी अपेक्षा बहुत ही कम है !
नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक आंध्रप्रदेश के कुर्नूल जिले के श्रीशैल में मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर के संबंध में महत्वपूर्ण दिया है । न्यायालय ने यहां के व्यापारी संकुल (कालोनी) की दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में अहिन्दुओं को हिस्सा लेने पर बंदी लगाने वाली अधिसूचना रहित की है । सभी दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में सभी धर्मों के लोगों को हिस्सा लेने की अनुमति दी गई है । ‘अहिन्दुओं को मंदिर की नीलामी प्रक्रिया में धर्म के आधार पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता’, ऐसा न्यायालय ने कहा है । इसके पहले मंदिर व्यवस्थापन और जिला प्रशासन की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी । इसमें ‘मंदिर के व्यापारी संकुल (कालोनी) की दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में हिन्दू धर्म के लोग ही हिस्सा ले सकते हैं’, ऐसा कहा था । इस अधिसूचना को सैयद जानी बाशा ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । उच्च न्यायालय ने यह याचिका निरस्त की दी थी । इसके बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की गई थी ।
Not the 1st time SC wants SECULARISM inside Hindu temples. Hon'ble J. Chandrachud's Sabarimala judgment starts with discourse on secularism. High time @mygovindia under @narendramodi Ji brings a central law for Temples https://t.co/QTPE5Qxzm2 @BJP4India @RSSorg @indiccollective
— trramesh (@trramesh) December 18, 2021
Non-Hindu shop owners can make money out of Hindu devotees in temple, but Hindu shop owners can’t get reciprocal right in non-Hindu places of worship as SC won’t interfere in minorities run institutions
Hindu not only can’t own temples, he has to enrich non-Hindus at his expense https://t.co/D6y2KIFPHO
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) December 18, 2021
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि, अहिन्दुओं को व्यापारी संकुल में दुकाने लगाने की अनुमति दी, तो मंदिर परिसर के अंदर कोई जा नहीं सकता, जिस कारण मंदिर और भक्तों की श्रद्धा का अपमान होगा । वहां नशा और जुआ कर नहीं सकता; लेकिन आप किसी को ‘आप हिन्दू धर्म से संबंधित ना होने से फूल, खिलौने और मूर्ति ना बेचें’, ऐसा कह नहीं सकते । हम निर्देश जारी करते हैं कि, मंदिर के दुकानों की नीलामी और किराए की प्रक्रिया में से अहिन्दुओं को बाहर नहीं रख सकते ।
स्रोत : Opindia