कामोठे (जनपद रायगढ) : हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती धनश्री केळशीकर ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि विजयादशमी, नरकचतुर्दशी आदि हिन्दुओं के त्योहार शौर्यजागृति करनेवाले हैं । शौर्य से सर्वश्रेष्ठ कुछ भी नहीं है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने ईश्वरीय अधिष्ठान रखकर स्वयं में शौर्य की जागृति कर पाच पातशाहियों को ध्वस्त कर दिया । उसी प्रकार से हमें भी ईश्वरीय अधिष्ठान रखकर और शौर्य जागृत कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है ।
यहां के एकता रणरागिनी मंडल में दत्तजयंती के उपलक्ष्य में शौर्यजागृति उपक्रम का आयोजन किया गया था । उसमें वे ऐसा बोल रही थीं । इस कार्यक्रम में नित्य जीवन में हमारे सामने आनेवाले विविध प्रसंगों में प्रतिकार कैसे करना चाहिए और स्वरक्षा कैसे करनी चाहिए; इसके प्रदर्शन दिखाए गए । साथ ही उपस्थित महिलाओं से ये प्रदर्शन करवा भी लिए गए ।
इस उपक्रम के लिए हिन्दू स्वागत यात्रा के अध्यक्ष श्री. प्रकाश शिंदे और श्री. नीलकंठ का बहुमूल्य सहयोग मिला । सर्वश्री मंगेश आढाव, डॉ. गराळष, राहुल बुधे, काकासाहेब पवार, दशरथ पाटिल, श्रीमती जयश्री देसाई, श्रीमती संगीता पवार, श्रीमती वैशाली जगदाळे, श्रीमती मनीषा नीलकंठ, श्रीमती नीलम आंधळे, श्रीमती वर्षा पाटिल, श्रीमती स्वप्नाली दोषी, श्रीमती दीपा खरात, श्रीमती उषा डुकरे आदि एकता रणरागिनी मंडल की सदस्य उपस्थित थीं ।
अभिप्राय
हिन्दू जनजागृति समिति और उनके सहयोगियों को बहुत धन्यवाद ! उन्होंने कामोठेकरवासियों के लिए यह निःशुल्क उपक्रम आरंभ किया है । – श्रीमती जयश्री झा, एकता रणरागिनी
क्षणिकाएं
१. उपस्थित सभी महिलाओं ने स्वरक्षा प्रशिक्षण के विविध प्रकार उत्साह से सीख लिए ।
२. स्वरक्षा प्रदर्शनों को देखकर उपस्थित युवतियों में वे भी इस प्रकार प्रतिकार कर सकती हैं, यह आत्मविश्वास दिखाई दिया ।