धर्मांतरण रोकने के लिए हुए संगठित
छत्तीसगढ के धुर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में लगातार हो रहे धर्मांतरण को लेकर आदिवासी ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। अबूझमाड़ के आकाबेड़ा में दस ग्राम पंचायत के हजारों लोग सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले एकत्रित हुए और धर्मांतरण के खिलाफ आवाज बुलंद की। ग्रामीणों ने कहा कि आदिवासी संस्कृति को बचाना है और इसके साथ षड़यंत्र करने वालों को नहीं छोड़ना है। ग्रामीणों ने आकाबेड़ा में बैठक कर आदिवासी धर्म छोडकर ईसाई धर्म अपनाने वाले ग्रामीणों को भी बैठक में बुलाया और उन्हें वापस अपने आदिवासी धर्म में आने का आग्रह किया।
बैठक में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि धर्म परिवर्तन करने से आदिवासियों को मिलने वाले लाभ व आरक्षण का संबंधित हकदार नहीं रहेगा। धर्मांतरण की वजह से क्षेत्र में आपसी विवाद, मारपीट की घटनाएं बढ़ रही है, जिसे रोकने के लिए हम सभी को आपस में मिलकर रहना है। वहीं धर्मांतरण के लिए बहकाने वाले ईसाई मिशनरियों से हम सभी को सचेत रहना होगा। सर्व आदिवासी समाज ने शासन-प्रशासन को चेतावनी दी है कि अबूझमाड़ में धर्मांतरण बंद नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। समाज के प्रमुखों ने कहा कि आदिवासी संस्कृति को खत्म करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि धर्मांतरण की वजह से आदिवासियों में विवाद व मारपीट की घटनाएं हो रही है। इसे रोकना बहुत जरूरी है।
नारायणपुर जिले के आकाबेड़ा गांव में एकत्रित हुए ग्रामीण
बता दें कि अबूझमाड के आलनार में ईसाई धर्म अपनाने वाले कुछ ग्रामीणों ने आदिवासी समाज के एक युवक से जमकर मारपीट कर दी थी। युवक को सिर में गंभीर चोटें आई है। इस बात को लेकर आदिवासियों का आक्रोश भड़क गया। इसके बाद सर्व आदिवासी समाज ने धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई और अबूझमाड़ के आकाबेड़ा गांव में एकत्रित हुए। सर्व आदिवासी समाज ने प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन से आग्रह किया है। वहीं कार्रवाई नहीं होने पर सर्व आदिवासी समाज सहित ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
स्त्रोत : लाइव हिन्दुस्थान